बायोडायवर्सिटी-टाइगर मूवमेंट के लिए भी महत्वपूर्ण सिद्धा पहाड़: वन प्रेमी भी लड़ाई में कूदे, पद्मश्री बाबूलाल भी आए आगे, कलेक्टर-एसपी पहुंचे श्रीराम के प्रतिज्ञा स्थल

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सतनाएक घंटा पहले
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भगवान श्रीराम की तपस्थली चित्रकूट के 84 कोशीय परिक्रमा पथ में स्थित श्रीराम प्रतिज्ञा स्थल सिद्धा पहाड़ न सिर्फ धार्मिक और पौराणिक महत्व के लिहाज से महत्वपूर्ण है। बल्कि जैव विविधता और टाइगरों के मूवमेंट के दृष्टिकोण से भी बेहद खास मायने रखता है। यह जैव विविधता संरक्षित वन क्षेत्र के दायरे में भी आता है।
लिहाजा सिद्धा पहाड़ में उत्खनन की अनुमति के खिलाफ लड़ाई में अब न केवल आस्थावान बल्कि वन प्रेमी भी आगे आए हैं। श्रीराम के रामायण कालीन प्रतिज्ञा स्थल के संरक्षण का यह मुद्दा अब यहां बड़े जन आंदोलन की सूरत में तब्दील होता जा रहा है।
जैव विविधता के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त बाबूलाल दाहिया भी सिद्धा पहाड़ के संरक्षण की लड़ाई में आगे आए हैं। पद्मश्री बाबूलाल ने गुरुवार को विन्ध्य पुनरोदय मंच के प्राणवीर सिंह हीरा जी, रिटायर्ड वन अधिकारी डॉ. एसपीएस तिवारी समेत वन एवं बाघ संरक्षण के कार्यो में लगे तमाम लोगों के साथ सिद्धा पहाड़ पहुंच कर धरने पर बैठने का ऐलान किया है।
पद्मश्री दाहिया का कहना है कि यह क्षेत्र संरक्षित वन क्षेत्र है। यह जैव विविधता के लिहाज से तो महत्वपूर्ण है ही यहां बाघों का मूवमेंट भी लगातार रहता है। वन विभाग ने यहां टाइगर तथा अन्य वन्य प्राणियों के मूवमेंट के लिहाज से सूचना बोर्ड भी लगा रखे हैं। इसे नष्ट होने नही दिया जा सकता।
कलेक्टर-एसपी पहुंचे श्रीराम प्रतिज्ञा स्थल
संरक्षित वन क्षेत्र में स्थित धार्मिक-पौराणिक और पुरातात्विक महत्व वाले श्री राम प्रतिज्ञा स्थल सिद्धा पहाड़ का मौका मुआयना करने गुरुवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी आशुतोष गुप्ता भी पहुंचे। राजस्व, वन और खनिज विभाग की टीम के साथ कलेक्टर ने वहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को भी तलब किया। कलेक्टर ने यहां पूरे क्षेत्र का मुआयना किया और यहां हुए अवैध उत्खनन की तस्वीर भी देखी। उन्होंने क्षेत्रीय लोगों से भी बात की।
तलब कर चुके हैं फाइल
स्थल निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सिद्धा पहाड़ में उत्खनन और अनुमति से जुड़े दस्तावेज और फाइलें पहले ही तलब कर ली हैं। सभी विभागों से फाइलें मंगाई गई हैं। कलेक्टर ने राजस्व और खनिज विभाग से उन खदानों का ब्यौरा और नक्शा मांगा है जो वन क्षेत्र में हैं। इनमें 3 खदानें बरहा, सरभंगा और श्री राम प्रतिज्ञा स्थल सिद्धा पहाड़ की खदान रामवन गमन पथ और चित्रकूट की 84 कोशीय परिक्रमा पथ के दायरे में आती हैं।
टाइगरों का रहता है मूवमेंट, माना जाता है कॉरिडोर
मझगवां वन परिक्षेत्र का यह क्षेत्र टाइगर कॉरिडोर भी माना जाता है। यहां टाइगरों का मूवमेंट होता है। जानकारों ने बताया कि यह क्षेत्र बरौंधा के जंगलों के जरिए पन्ना टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है, जबकि यूपी का रानीपुर वन्य प्राणी अभयारण्य भी इस क्षेत्र से जुड़ता है। वन विभाग ने यहां बाघों की मौजूदगी की सूचना वाले बोर्ड भी लगा रखे हैं। यहां वन्य प्राणी अभयारण्य बनाए जाने का प्रस्ताव भी सतना वन मंडल बना चुका है।







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