अमरपाटन के ढाबे में खाद्य सुरक्षा अधिकारी से मारपीट: अपहरण की कोशिश, गाड़ी से कूद कर बचाई जान; 5 घंटे बैठने के बावजूद पुलिस ने नहीं लिखी FIR

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सतना33 मिनट पहले
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गाड़ी से कूदने के बाद ग्रामीणों की सुरक्षा के बीच अधिकारी
अमरपाटन के एक ढाबे में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के साथ मारपीट कर उनके अपहरण की कोशिश की गई। ढाबा संचालक और उसके साथियों के आतंक का शिकार अधिकारी और उनके सहयोगी को गाड़ी से कूद कर अपनी जान बचाने के लिए ग्रामीणों की शरण लेनी पड़ी। इस घटना की सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी को 5 घंटे तक थाना में बैठाए रखने के बावजूद अमरपाटन थाना पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की।
उधर, पुलिस के रवैये से नाखुश खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने इस घटना और पुलिस की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों के प्रादेशिक संगठन को भी सूचना दे दी है। जानकारी के मुताबिक, रामनगर तथा अमरपाटन क्षेत्र में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी नीरज विश्वकर्मा मंगलवार को ढाबा संचालक गुंडा स्वामी उर्फ गुंडा गौतम और उसके गुर्गों की गुंडागर्दी का शिकार हो गए।
अगवा करने की कोशिश
बाइपास मार्ग पर स्थित स्वामी ढाबा में खाद्य सुरक्षा अधिकारी नीरज विश्वकर्मा और उनके सहयोगी शाहिद के साथ गुंडा स्वामी और उसके गुर्गों ने गाली गलौज-मारपीट की और मोबाइल छीन लिया। इतना ही नहीं गुंडा स्वामी ने अपने गुर्गों की मदद से अधिकारी को अगवा करने की भी कोशिश की, लेकिन इत्तेफाक से कच्चे रास्ते पर गाड़ी फंस गई और नीरज विश्वकर्मा मौका मिलते ही अपने साथी समेत गाड़ी से कूद कर भाग निकले।
कुछ दूर भागने के बाद ग्रामीणों के पास पहुंच कर उन्होंने अपनी जान बचाई। सूचना मिलने पर पहुंची डायल 100 की टीम उन्हें वहां से अमरपाटन थाना ले आई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने अमरपाटन टीआई संदीप भारती को घटनाक्रम की मौखिक और लिखित जानकारी दी। थानेदार ने नीरज को 5 घंटे थाना में बैठाए भी रखा, लेकिन एक सरकारी अधिकारी के साथ हुई मारपीट और उसके अपहरण की कोशिश के इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की।
सूत्र बताते हैं, जिस वक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिकायत दर्ज कराने थाना प्रभारी के कक्ष में बैठे हुए थे। उसी वक्त आरोपी ढाबा संचालक गुंडा स्वामी भी वहां आया था। उसने नीरज विश्वकर्मा को वहां भी धमकाया, जिसके बाद थाना प्रभारी भी द्विपक्षीय शिकायत की बात करने लगे।
देखते ही भड़क गया ढाबा संचालक
ढाबा संचालक की गुंडागर्दी का शिकार हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारी नीरज विश्वकर्मा ने बताया कि वे सरकारी काम से रामनगर क्षेत्र का भ्रमण कर शाहिद नाम के अपने साथी के साथ लौट रहे थे। बाइपास स्थित गुंडा स्वामी उर्फ गौतम के स्वामी ढाबा पर चाय पीने के लिए रुके। उस वक्त वहां तीर्थ यात्री भोजन कर रहे थे।
उन्होंने कर्मचारी से ढाबा संचालक के बारे में पूछा तो वह उसके पास ले गया। ढाबा संचालक से हाल पूछते ही वह भड़क कर गाली गलौज और मारपीट करने लगा। इसमें उसके कई और साथी भी शामिल हो गए। मारपीट के बाद उन्होंने हम दोनों को एक गाड़ी में जबरिया बैठा लिया और कहीं ले जाने लगे। प्रतापगढ़ी जुड़मनिया के पास गाड़ी फंस गई तो हम दोनों कूद कर भाग निकले। कुछ दूर पर कुछ ग्रामीण बैठे थे, उनके पास पहुंच कर घटना बताई तो उन्होंने सुरक्षा की और डायल 100 को सूचना दी।
थाना प्रभारी ने नहीं लिखी एफआईआर
पीड़ित खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि थाना में थाना प्रभारी को सारी घटना बताए जाने के बावजूद 5 घंटे बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। उन्होंने घटना की जानकारी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अपने प्रादेशिक संगठन को दे दी है। संगठन इस मामले में संज्ञान ले रहा है।
इस घटना पर पुलिस अफसरों ने आधिकारिक तौर पर तो फिलहाल चुप्पी साध रखी है। अधिकारी की शिकायत को जांच की आड़ में अभी एफआईआर तक पहुंचने नहीं दिया गया है और पावती देकर पीड़ित को थाना से चलता कर दिया।

शिकायती आवेदन।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी नीरज विश्वकर्मा।

थाना में थाना प्रभारी के सामने बैठ कर शिकायत लिखते खाद्य सुरक्षा अधिकारी।
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