कहानी उस घर की, जिसने रोका ‘महाकाल’ का रास्ता: 1 करोड़ का सरकारी ऑफर भी ठुकराया, यहां फंसा पेंच

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आनंद निगम (उज्जैन)एक घंटा पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक फेज-1 का लोकार्पण कर दिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं फेज-2 में सरकारी अफसर उलझकर रह गए हैं। यहां एक घर ऐसी पहेली बन गया है, जिसने महाकाल का मेन एंट्रेस ही रोक रखा है। मामला अदालत में है और घर आज भी महाकाल मंदिर के सामने खड़ा है। इससे महाकाल लोक फेज-2 का काम लेट हो सकता है।
आइए, बताते हैं कि इस घर का पेंच जल्द नहीं सुलझा तो क्या हालात बन सकते हैं…
ये घर है परचुरे परिवार का। लंबाई-चौड़ाई मिलाकर तकरीबन 1500 वर्गफीट पर बना है। यहां कुल 11 भवन बने हुए थे। इनमें से प्रशासन महाकाल लोक और एंट्रेस के लिए 10 मकान हटा चुका है। बस यही एक मकान रह गया है। जुलाई 2021 में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने इन मकानों का अधिग्रहण कर उन्हें हटाने के आदेश दिए।
टीम ने मकान मालिकों को धारा-11 में नोटिस भेज दिए और मकान खाली करने के लिए कहा था। खातों में सरकारी स्तर पर तय मुआवजा राशि ट्रांसफर कर दी गई। रुपए मिलते ही 11 में से 10 मकान मालिकों ने घर खाली कर दिए। इनमें महाकालेश्वर मंदिर के सामने 168 नंबर के मकान में रहने वाले शेखर गणेश परचुरे के परिवार ने मुआवजा राशि लौटाते हुए घर खाली करने से ही मना कर दिया। इससे अफसर हैरान रह गए और उज्जैन से भोपाल तक के अफसर टेंशन में आ गए।
30 जुलाई 2021 को अवार्ड पारित होने के बाद 23 नवंबर 2021 को घर तोड़ने के आदेश हुए। 24 नवंबर 2021 को परचुरे परिवार की अदालत की शरण ले ली। इंदौर हाईकोर्ट में रिट याचिका क्रमांक WP 24629/2021 लगाई गई, जिसमें इन्हें स्टे मिल गया। परिवार ने न्यायालय में तथ्य रखे कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से पहले पुनर्वास, सामाजिक प्रभाव और आदि विषयों को दरकिनार किया गया।

यह है मकान को हटाने की वजह
महाकाल मंदिर के आसपास 70 मीटर तक मार्ग को चौड़ा किया जाना है। इसी हिस्से में ऊपरी भाग पर गार्डन, लैंड स्केपिंग के साथ ही लॉन भी बनाया जाना है। यहां से श्रद्धालु शिखर दर्शन कर सकेंगे। इसके नीचे न्यू वेटिंग रूम का निर्माण होगा। 11 मकानों के हटने पर विस्तार के लिए 1274 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध होगी। इसी जमीन पर महाकाल वन क्षेत्र का विकास भी होना है।

इस तरह समझें परचुरे भवन और महाकाल मंदिर।
मकान पर जल्द ही कब्जा लेंगे- SDM
SDM संजय साहू ने बताया- महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण के लिए सामने की ओर के 11 मकानों का भूअर्जन किया था, जिसमें एक मकान परचुरे परिवार को हाईकोर्ट से स्थगन आदेश मिला था। 10 मकानों का कब्जा लिया जा चुका है। शेष एक मकान पर कब्जे के लिए हाईकोर्ट में मंदिर समिति की ओर से दावा पेश किया जा चुका है। कोर्ट में जैसे ही केस नंबर पर आएगा, कोशिश करेंगे, जल्द ही मकान पर कब्जा लिया जाए।














महाकाल लोक की भव्यता को भी देख लीजिए
महाकाल लोक में चार द्वार हैं- पिनाकी, शंख, नंदी और नीलकंठ। इन चारों गेट से आप महाकाल लोक कैंपस में प्रवेश किया जा सकता है। पिनाकी द्वार चारधाम रोड पर, नीलकंठ द्वार बेगमबाग, शंख द्वार गणेश मंदिर के ठीक सामने और नंदी द्वार के लिए रास्ता त्रिवेणी संग्रहालय के पास से रास्ता है।
नंदी द्वार में प्रवेश करते ही ठीक सामने 108 स्तंभ हैं। इन स्तंभों पर भगवान शिव के नटराज स्वरूप की अलग-अलग मुद्राओं को उकेरा गया है। महाकाल पथ में 25 दीवारों पर करीब 52 और सप्तऋषि पर 28 म्यूरल बनाए गए हैं। पूरे कैंपस में कुल 81 म्यूरल बनाए गए हैं।



11 अक्टूबर को PM नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक को देश को समर्पित कर दिया, जिसके बाद से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक देखने पहुंच रहे हैं। प्रतिमाओं के सामने लगे क्यूआर कोड स्कैन कर भगवान शिव की महिमा को जान रहे हैं। इसमें मिल रही जानकारी लोगों को पसंद आ रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
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जय महाकाल.. ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर की रात जब उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया, तो चारों ओर इसी जयघोष की गूंज सुनाई दी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रक्षा सूत्र (कलावा) बनाए गए 15 फीट ऊंचे शिवलिंग की प्रतिकृति से मोदी ने रिमोट से जैसे अनावरण किया, अध्यात्म का यह नया आंगन आज से सभी के लिए खुल गया। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
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पत्नी वियोग में संन्यासी बन गए थे राजा भर्तृहरि

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