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बड़ी खबर: भारत को कोयला खान में मिला ‘रेयर अर्थ’ का खजाना, सरकार ने संसद में दी जानकारी

सोमवार 28 जुलाई 2025 को सबसे बड़ी खुशखबरी अपने देश के लिए यहीं आई है. भारत को रेयर अर्थ एलिमेंट्स (Rare Earth Elements – REEs) के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली है. कोयला और खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद में जानकारी दी है कि मध्यप्रदेश के सिंगरौली कोलफील्ड्स में इन दुर्लभ खनिजों के “promising reserves” यानी बड़ा भंडार मिला हैं. यह खबर ऐसे वक्त आई है जब चीन द्वारा इन खनिजों के निर्यात पर पाबंदी लगाए जाने से दुनियाभर की इंडस्ट्री पर असर पड़ रहा है.

क्या हैं रेयर अर्थ एलिमेंट्स
रेयर अर्थ 17 ऐसे तत्वों का समूह है जिनमें स्कैंडियम, इट्रियम और लैंथेनाइड्स शामिल हैं. ये खनिज-इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs), मोबाइल, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर और विंड एनर्जी टेक्नोलॉजी,डिफेंस सिस्टम, में बेहद जरूरी माने जाते हैं.

सिंगरौली कोलफील्ड्स में क्या मिला है-
सरकार का दावा है कि कोयले और नॉन-कोल सैंपल्स में REEs की 250 ppm और 400 ppm पाई गई है. यह स्तर वैज्ञानिकों के अनुसार “enrichment” की कैटेगिरी में आता है.

इसका मतलब है कि यह खनिज वहां मौजूद तो हैं, लेकिन इनका कॉमर्शियल स्तर पर इस्तेमाल तकनीकी और लागत कुशलता पर निर्भर करेगा.

कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) ने IMMT भुवनेश्वर, NFTDC हैदराबाद और IIT हैदराबाद के साथ मिलकर REEs को निकालने की तकनीक विकसित करने के लिए एमओयू किए हैं. उत्तर पूर्व के कोलफील्ड्स में भी ऐसे तत्वों की खोज और निकासी पर काम चल रहा है. वहां भारी रियर अर्थ की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक पाई गई है.

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