फूड-पॉइजनिंग पर जिला-प्रशासन सख्त: सीएमएचओ व खाद्य अधिकारियों को नोटिस; स्ट्रीट फूड बेचने के लिए ट्रेनिंग के बाद कराना होगा रजिस्ट्रेशन

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मंडला6 घंटे पहले
स्ट्रीट फूड विक्रेताओं की वजह से जिले में इस वर्ष फूड पॉइजनिंग की दो बड़ी घटनाओं के सामने आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सख्त है। इसके लिए अफसरों पर कार्रवाई कर, घटना की पुनरावृत्ति रोकने के उपायों पर भी मंथन किया।
जिला मुख्यालय एवं चिरईडोंगरी के फूड पॉइजनिंग मामले में आरोपी फुल्की विक्रेताओं पर पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है। अब फुल्की का सामान बेचने वाली दुकानों की जांच की जा रही है। सीएमएचओ व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। जिले भर में चाट फुल्की बेचने पर पहले ही रोक लगी हुई है और अब जिला प्रशासन इन्हें प्रशिक्षण देकर, उनके पंजीकरण की प्रक्रिया पर विचार कर रहा है।
जनपद पंचायतों तक देंगे प्रशिक्षण
योजना भवन में आयोजित समय सीमा बैठक के बाद एडीएम मीना मसराम ने जानकारी दी कि हाथ ठेले वालों का एक बार प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर उनका रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा। उन्हें निर्देशों के साथ चाट फुल्की आदि की दुकान चलाने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ये प्रशिक्षण जिला मुख्यालय सहित जनपद पंचायतों में भी होगा। साथ ही उन्होंने एक-दो दिन में यह प्रक्रिया प्रारंभ किये जाने की बात कही है।

कलेक्टर हर्षिका सिंह ने खाद्य सामग्रियों की सैंपलिंग में लापरवाही बरतने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी वंदना थागले एवं गीता तांडेकर को नोटिस जारी किया है। फूड पॉइजनिंग से बीमार लोगों का हाल जानने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जिला अस्पताल पहुंचे। ज्ञात हो कि 21 अक्टूबर को जिला मुख्यालय से लेकर चिरईडोंगरी क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में फुल्की खाने के बाद 57 बच्चे एवं 2 गर्भवती महिलाओं सहित करीब 115 लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए थे। जिन्हें जिला अस्पताल एवं नारायणगंज स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। एक बच्चे को गंभीर अवस्था में जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया था।

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