फीफा ने राष्ट्रपति ट्रम्प को शांति पुरस्कार से नवाजा

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
वाशिंगटन (अमेरिका) – अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के कैनेडी सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में फुटबॉल की वैश्विक संस्था फीफा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फीफा शांति पुरस्कार से नवाजा है। फीफा के 2026 वर्ल्ड कप ड्रॉ के दौरान वाशिंगटन में हुये भव्य समारोह में फीफा प्रेसिडेंट जियानी इन्फैंटिनो ने शांति को बढ़ावा देने के लिये ट्रम्प के कार्यों की प्रशंसा की और उन्हें गोल्डन ट्रॉफी , मेडल और सर्टिफिकेट भेंट किया। उल्लेखनीय है कि मेक्सिको, कनाडा और अमेरिका फीफा विश्व कप 2026 की संयुक्त मेजबानी कर रहे हैं। इन्फैंटिनो ने ट्रंप को अवॉर्ड देते हुये कहा – ये आपका पीस प्राइज है , आपने दुनियां में शांति और एकता के लिये जो काम किया है , उसके लिये ये सम्मान है। इस समारोह का वैश्विक प्रसारण किया गया और इसमें ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों को दिखाने वाले वीडियो क्लिप्स भी शामिल किये गये।
इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित विश्व नेताओं के कुछ क्लिप्स भी दिखाये गये। वीडियो में ट्रंप की कूटनीति की सराहना की गई और उन्हें दुनियां में शांति स्थापित करने के प्रयासों के लिये सम्मानित बताया गया। बताते चलें कि फीफा ने पिछले महीने ही यह अवॉर्ड उन लोगों को देने के लिये शुरू किया है , जो दुनियां में शांति फैलाने और लोगों को जोड़ने में अहम योगदान करते हैं। ट्रंंप इस अवॉर्ड को लेने वाले पहले व्यक्ति बन गये हैं। हालाकि इस निर्णय की दुनियां भर के फुटबॉल प्रशंसकों ने आलोचना की है। उनका कहना है कि यह सम्मान राजनीति से प्रेरित है और खेल तथा राजनीति के बीच के अंतर को कमज़ोर करता है। नोबेल शांति पुरस्कार से चूकने वाले ट्रंप ने इस पुरस्कार को अपने जीवन के सबसे बड़े सम्मानों में से एक बताते हुये दुनियां भर में संघर्षों को समाप्त कराने का श्रेय लिया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस वर्ष की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने का भी जिक्र भी किया , हालांकि भारत इसका कई बार खण्डन कर चुका है। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद ट्रंप ने कहा कि यह वास्तव में मेरे जीवन का एक महान सम्मान है , पुरस्कार से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हमने करोड़ों जीवन बचाये। कांगो इसका एक उदाहरण है , जहां टेन मिलियन लोग मारे गये थे और स्थिति जल्दी ही और टेन मिलियन तक पहुंच सकती थी। हमने हस्तक्षेप कर इसे रोका , भारत-पाकिस्तान सहित कई संघर्षों को भी हमने रोकने में मदद की। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद मई में हुये युद्धविराम के लिये मध्यस्थता कराने में ट्रम्प को सार्वजनिक रूप से श्रेय दिया है।




