फिल्मी गानों पर सुर्पनखा का डांस, VIDEO: छतरपुर में 118 वर्ष पुरानी रामलीला के मंच पर सूर्पनखा-लक्ष्मण संवाद

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छतरपुर (मध्य प्रदेश)4 घंटे पहले

छतरपुर जिले के नौगांव शहर में ऐतिहासिक रामलीला मंच से राम बनवास और सूर्पनखा संवाद का मंचन किया गया। इसमें रविवार की रात सूर्पनखा ने फिल्मी गानों पर डांस किया। इसका वीडियो मंगलवार को सामने आया। वीडियो सामने आने पर लोगों ने अपत्ति जताई।

रामलीला में भगवान रामजी वनवास के दौरान पंचवटी की लीला का मंचन किया गया। इसमें मंच पर भगवान राम, लक्षमण और सीताजी बैठे हुए थे। पंचवटी में दिखाया जाता है कि रावण की बहन सूर्पनखा जब वन में विचरण कर रही होती है, तो उसकी नजर राम-लक्ष्मण पड़ती है। वह विवाह का प्रस्ताव रखती है। कभी राम तो कभी लक्ष्मण के पास बार-बार जाने से वह दुखी हो जाती है। भगवान का इशारा मिलते ही लक्ष्मण उसकी नाक काट देते हैं। इससे पहले सूर्पनखा किरदार फिल्मी गीतों पर नृत्य करती है। मंच पर दूसरी ओर भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण सहित कई किरदार बैठे थे। इस दौरान तो दर्शकों में सैकड़ों युवती, महिलाएं, लड़कियां, बच्चे, बूढ़े, जवान मौजूद थे। सबके सामने यह नृत्य चलता रहा। कई युवा मोबाइल से इसका वीडियो बनाते रहे।

नौगांव में राम लीला के दौरान भगवान लक्ष्मण को रिझाने के लिए मंच पर डांस करती सूपर्नखा।

नौगांव में राम लीला के दौरान भगवान लक्ष्मण को रिझाने के लिए मंच पर डांस करती सूपर्नखा।

ये रहे किरदार

लक्ष्मण के किरदार में पियूष चतुर्वेदी तो राम के किरदार में दिव्यांश मिश्रा नजर आए, तो वहीं सीता की किरदार में सिद्धार्थ तिवारी, सूर्पनखा के किरदार में शुभांकर दीक्षित नजर आए। इस दौरान रामलीला प्रांगण में भारी जनसमूह था जो वहां समा नहीं रहा था। इस कदर भीड़ थी कि माहौल देखते हुए सुरक्षा व्यस्था के लिए पुलिस को मोर्चा सम्हालना पड़ा।

मंच पर भगवान श्रीराम और माता सीता के सामने अभिनय करता कलाकार।

मंच पर भगवान श्रीराम और माता सीता के सामने अभिनय करता कलाकार।

रामलीला समिति अध्यक्ष बोले- कोई फूहड़ता नहीं, फिर भी आगे से ऐसा नहीं होगा..

इस मामले में रामलीला समिति अध्यक्ष विनोद मेहरोत्रा का कहना है कि यह हर साल ऐसा होता है। सूर्पनखा द्वारा पूरे वस्त्र पहने हुए थे, कोई फूहड़ता नहीं थी, सिर्फ फिल्मी गाना था जिस पर डांस किया है। फिल्मी गाने भी कोई गंदे नहीं थे। सूर्पनखा का एक ऐसा पत्र और रोल होता है, जिसे लोग मनोरंजन के लिए देखने आते हैं। लोगों का मनोरंजन होता है। हमारे यहां जिस दिन सूर्पनखा का कार्यक्रम होता है, उस दिन हर दिन से ज्यादा भीड़ होती है। यह रोल फ्री-लांच रोल माना गया है, जिसमें कि लोगों का मनोरंजन होता है। अगर अब भी लोगों को आपत्ति है, आगे से फिल्मी गानों का उपयोग नहीं किया जाएगा।

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