प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा घोटाला में PEB को नोटिस: FIR के 18 दिन बाद भी आरोपियों की जानकारी नहीं दी, गिरफ्तारी दूर पूछताछ भी नहीं हो सकी

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  • Even After 18 Days Of FIR, The Information Of The Accused Was Not Given, The Arrest Could Not Be Done Even Remotely.

भोपालएक घंटा पहले

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प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) की मार्च 2022 में हुई प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी में पुलिस ने PEB को नोटिस दिया है। मामले में FIR के 18 दिन बाद भी जानकारी नहीं दी गई है। नोटिस में उन पांचों आरोपियों के पहचान की जानकारी मांगी है। साथ ही, पीईबी ने जिस मैप आईटी से जांच कराने का हवाला दिया है, उनके अधिकारियों के नाम पते भी मांगे हैं।

जांच अधिकारी SI आरके मिश्रा ने बताया कि PEB को 8 अगस्त को नोटिस दिया था, लेकिन आरोपियों के बारे में PEB की तरफ से जानकारी नहीं भेजी गई। अभी पुलिस के पास सिर्फ आरोपियों के नाम, रोल नंबर हैं। जब तक आरोपियों का एड्रेस नहीं मिलेगा, पुलिस उन्हें कैसे तलब करे।

बता दें कि मामले में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज को ब्लैकलिस्ट और ग्वालियर के सर्वधर्म महाविद्यालय के परीक्षा केन्द्र में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। मैप आईटी की जांच के आधार पर PEB ने इन दोनों कॉलेजों को परीक्षाओं के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इस मामले में 8 अगस्त को एमपी नगर थाना पुलिस ने 5 अभ्यार्थियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। अभी मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

इन पांच को बनाया आरोपी
(1) परत सिंह रावत रोल न. 22802816,
(2) भुवनेश शर्मा रोल न. 22802600 ,
(3) नीलम केमोर रोल न. 22802707,
(4) निशा सोलंकी रोल न. 22778309 ,
(5) मनोज कुमार पटेल रोल न. 23165920

जांच में कम्प्यूटर में ब्लिंक होना पाया गया
26 मार्च को सोशल मीडिया में ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस, सागर केन्द्र के एक अभ्यर्थी की स्क्रीन के फोटो वायरल हुए। पीईबी ने 28 मार्च 2022 को मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ( एमपीएसईडीसी ) भोपाल को जांच सौंपी। एमपीएसईडीसी ने 26 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपी।

रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि टाइम विनिंग के अनुसार 5 अभ्यर्थियों द्वारा जिस समय सर्वाधिक प्रश्नों को हल किया गया है, उस समय के सीसीटीवी फुटेज में अभ्यर्थियों की कम्प्यूटर स्क्रीन का ब्लिंक होना पाया गया है। इसके अलावा इनविजिलेंटर के द्वारा भी नजरअंदाज भी करना पाया गया है। जिससे यह नहीं माना जा सकता कि उक्त अवधि में अभ्यर्थियों के द्वारा स्वयं सर्वाधिक प्रश्नों को हल किया गया है ।

7 मई को भास्कर ने बताई थी परीक्षा में धांधली की बात
दैनिक भास्कर ने 7 मई को ही बता दिया था कि इस परीक्षा में बड़ी धांधली हुई है। वायरल हुए स्क्रीनशॉट की जांच मैपआईटी (MAPIT) को दी गई थी। मैपआईटी ने अपनी जांच में माना था कि रोल नंबर 23165920 के जिस परीक्षार्थी का पर्चा वायरल बताया गया है, वह संगठित तरीके से परीक्षा में सेंधमारी है। जिस सिस्टम का यह स्क्रीनशॉट है, वह परीक्षा दे रहे स्टूडेंट के सिस्टम से सीधे नहीं लिया गया है। एग्जाम सेंटर के सिस्टम में सेंधमारी कर उसे बाहर से संचालित किया जा रहा था।

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