व्यंकटेश मंदिर में श्रीमद भागवत कथा सप्ताह: बधाई गीतों और जयकारों के बीच मना श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, बाल विदुषी ने की कथामृत की वृष्टि

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सतना44 मिनट पहले
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नवरात्रि के अवसर पर व्यंकटेश मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन गुरुवार को बाल विदुषी पलक किशोरी ने श्रोताओं को प्रमुख रूप से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। भाव विभोर श्रद्धालु श्रोताओं ने पंडाल के नीचे जमकर नृत्य किया। वहीं मंच पर श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की झांकी भी सजाई गई। सजीव झांकी के दर्शन के लिए भक्तों में जबरदस्त उत्साह नजर आया। भक्तों ने बधाई गीत गाए, भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे लगाए।
सुनाई गई राजा बलि की कथा
बाल विदुषी पलक किशोरी ने चतुर्थ दिवस श्रीमद भागवत कथा का अमृतपान कराते हुए समुद्र मंथन और राजा बलि की कथा सुनाई। पलक किशोरी ने श्रोताओं को बताया कि राजा बलि की परीक्षा लेने के लिए स्वयं भगवान ने ब्राह्मण रूप धारण किया।
उन्होंने राजा बलि से तीन पग जमीन दान में मांगी। राजा बलि सहर्ष तैयार हो गए। जिसके बाद भगवान विष्णु ने दो पग में ही तीनों लोक नाप दिए। अंत में तीसरा पग राजा बलि ने अपने मस्तक पर रखवा कर अपना वचन पूरा कराया। राजा बलि की इस उदारता- दानवीरता से भगवान प्रसन्न हो गए।
गुब्बारों से सजाया गया मंदिर प्रांगण
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को उत्साहपूर्वक मनाने के लिए पूरे व्यंकटेश मंदिर प्रांगण को गुब्बारों और फूल मालाओं से सजाया गया था। भागवत कथा में रोजाना श्रोताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। कथा श्रवण करने गुरुवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे, जिन्होंने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उत्साह मनाया।
श्रीमद भागवत कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक व्यंकटेश मंदिर भक्त मंडल द्वारा किया गया है। जनकल्याण की भावना से हो रही इस कथा के मुख्य यजमान नगर निगम के प्रभारी अतिक्रमण अधिकारी रमाकांत शुक्ला के पुत्र सत्यम शुक्ला हैं।



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