Chhattisgarh

प्रदेश में पारम्परिक व स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने ‘‘छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक‘‘ का हो रहा आयोजन

सुकमा,10अक्टूबर। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के पारम्परिक व स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने प्रदेश  के साथ ही जिले में भी ‘‘छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक‘‘ का आयोजन किया जा रहा है। 6 अक्टूबर को प्रदेश स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरूआत होने के साथ ही जिले में भी इसकी शुरूआत हो गई है। ‘‘छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक‘‘ के अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामों में आयोजित किए जा रहे खेलों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग वर्ग के पुरूष व महिलाए भी बड़े ही उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं तथा अपनी खेल प्रतिभ का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। इस खेल प्रतियोगिता के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल जैसे-गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद इत्यादि में महिला, पुरूष प्रतिभागी उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। यह प्रतियोगिता गांव से लेकर राज्य स्तर तक 06 स्तरों पर होगा। जिसकी शुरुआत राजीव युवा मितान क्लब स्तर से हुई है, इसके बाद जोन स्तर, फिर विकासखण्ड, नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

कलेक्टर  हरिस. एस  द्वारा अधिकारियों को जिले में ‘‘छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक‘‘ के सफल आयोजन हेतु सभी तैयारियॉ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला खेल अधिकारी  विरुपाक्ष पुराणिक ने बताया कि जिले में ‘‘छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक‘‘ के सफल आयोजन हेतु विकासखण्ड स्तर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी प्रकार जिले के सभी 153 ग्राम पंचायतों सहित 3 नगरीय निकायों में क्लब स्तरीय स्पर्धाएं आयोजित की जा रही है।

मुख्यमंत्री  की पहल पर छत्त्तीसगढ़ की संस्कृति से लोगों को जोड़ कर रखने व स्थानीय खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए ‘‘छत्तीसगढ़िया ओलंपिक‘‘ का आयोजन 6 अक्टूबर से 6 जनवरी 2023 तक किया जा रहा है। इसके अंतर्गत दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 प्रकार के पारम्परिक खेलों को शामिल किया गया है, जिसमें 18 वर्ष से कम, 18 से 40 वर्ष एवं 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में खेल से जुड़ी संस्कृति को एक नई पहचान दिलाने ‘‘छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक‘‘ के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार एक अनुठी पहल कर रही है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन से अब फिर से लोगों में अपने स्थानीय खेलों के प्रति जागरूकता आएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में खेले जाने वाले खेल अब गांवों से निकलकर अपनी अलग पहचान बनाएंगे।

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