पेंशनरों ने की नारेबाजी: 4 सूत्रीय मांगों के निराकरण के संबंध में ज्ञापन

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मंदसौर20 मिनट पहले
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राष्ट्रीय संघर्ष समिति के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा -प्रतापगढ़ के पदाधिकारियों ने कलेक्टर के माध्यम से स्थायी संसदीय समिति श्रम मंत्रालय भारत सरकार में मप्र से सक्रिय सदस्य सांसद सुधीर गुप्ता को ज्ञापन भेजा। संयुक्त अध्यक्ष नरेंद्रसिंह शक्तावत, प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष सुरेश पाटीदार, शहर उपाध्यक्ष अशोक जैन, विनोद शर्मा चांदमल जायसवाल, कोषाध्यक्ष सुधीर मेहता, संयोजक सत्यनारायण सेन, कानसिंह राठौड़ व गोपाल चावला के नेतृत्व में ईपीएफओ श्रम मंत्रालय के पेंशनर विरोधी व्यवस्था के विरोध में जोरदार नारेबाजी की।
साथ ही कलेक्टर को बताया कि प्रस्तावित 31 अक्टूबर एवं 1 नवंबर 22 को सीबीटी मीटिंग ( केंद्रीय ब्यूरो ट्रस्टी) नई दिल्ली में होने जा रही है। उससे पहले देशभर से स्थायी संसदीय श्रम समिति के सक्रिय सदस्यों एवं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, श्रम मंत्री, पीएफ कमिश्नर को हमारी 4 सूत्रीय मांगों के निराकरण के संबंध में ज्ञापन दिए जा रहे हैं। पेंशन योजना के प्रावधानों को शुरू से ही संशोधित/वापस ले लेने से पेंशनरों की सामाजिक सुरक्षा संरक्षा कमजोर हुई है।
हम सामाजिक सुरक्षा के लिए मात्र औसतन 1171 रुपए प्रतिमाह अत्यल्प पेंशन मिलने के कारण पेंशनर कुपोषण, भूख एवं मेडिकल सुविधा के अभाव में अत्यंत दयनीय व मरणासन्न अवस्था में जीवन जी रहे हैं। कई अवसरों पर श्रम मंत्री प्रधानमंत्री ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक रावत से वादा किया कि पेंशनरों की मांगों को जल्दी ही मंजूरी दी जाएगी, लेकिन अभी तक भी पेंशनर न्याय का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से हमारे हक में फैसला 4 अक्टूबर 2016 को आ चुका है। हमें या तो सम्मानजनक पेंशन 7500, महंगाई भत्ता चिकित्सा सुविधा मिले या हमारी जमा पूंजी निकालने की अनुमति।
मांगें स्वीकार करें अन्यथा निर्णय लेने पर विवश होंगे
पेंशनरों ने कहा अविलंब हमारी 4 सूत्रीय मांगें स्वीकार करें अन्यथा आगामी गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश के चुनाव में पेंशनर अपना निर्णय लेने पर विवश होंगे। ज्ञापन देने में बालीदेवी, अशोक चतुर्वेदी, पूरनसिंह राव, फतेहलाल, लालचंद नाहर, चंद्रशेखर, नाथूलाल पालीवाल, शरद सॉरल, निरंजन कुमार सहित सैकड़ों पेंशनर मौजूद थे।
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