पूर्ण अनुशासन में रहें पुलिसकर्मी – आईजी डॉ० संजीव शुक्ला

रेंज स्तरीय अपराध समीक्षा बैठक में दिये कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
बिलासपुर – पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर डॉ. संजीव शुक्ला द्वारा आज बिलासपुर रेंज के पुलिस अधीक्षकों की अपराध समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में वर्ष 2023 , 2024 तथा 2025 (01 जनवरी से 30 जून तक की अवधि) के अपराध आंकड़ों , विवेचना की स्थिति , लंबित अपराध की समीक्षा , महिला एवं बाल अपराध , गंभीर अपराधों में विवेचना की प्रगति , एनडीपीएस की कार्यवाही , अवैध संपत्ति जब्ती , समंस-वारंट की तामिली , शिकायतों की स्थिति एवं लघु अधिनियम व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अंतर्गत की गई कार्यवाही सहित जिले के कई महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा तथा आगामी रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई।
पुलिस महानिरीक्षक द्वारा राजपत्रित अधिकारियों को सभी विषयों पर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये गये। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा इस बात पर विशेष बल दिया गया कि गंभीर किस्म के प्रकरणों में सतत विवेचना करते हुये यथाशीघ्र विधिसम्मत निराकरण किया जावे, प्रकरण लंबी अवधि तक विवेचना में लंबित ना रहे। उनके द्वारा महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों में तत्काल संज्ञान लेकर विधिसम्मत कार्यवाही किये जाने निर्देश दिये गये। साथ ही इस बात पर विशेष बल दिया गया कि महिलाओं , बच्चों से संबंधित प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही करते हुये समय-सीमा के भीतर त्वरित निराकरण किया जावे। जिले में अभियान चलाकर लंबित प्रकरणों , विभागीय जांच तथा शिकायतों का त्वरित निराकरण किया जावे। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि जिले में लंबित सभी गंभीर प्रकरणों-विशेषकर हत्या , हत्या का प्रयास , बलात्कार , अपहरण एवं महिला व बच्चों संबंधी अपराध , मर्ग आदि के प्रकरणों के निराकरण की ओर विशेष ध्यान दिये जाने तथा लंबित ऐसे सभी प्रकरणों की साप्ताहिक समीक्षा की जाकर समयबद्ध निराकरण करने निर्देशित किया गया। उनके द्वारा जिले में गंभीर किस्म के प्रकरणों में जिनमें अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है तथा अनसुलझे प्रकरण जिनका निराकरण नहीं हो पाया है , ऐसे प्रकरणों में विशेष टीम गठित कर प्रकरणों का यथाशीघ्र निराकरण किये जाने निर्देश दिया गया।
पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्रांतर्गत थानों के लंबित अपराधों का समयावधि में निराकरण हेतु प्रकरणवार समीक्षा प्रतिदिन स्वतः करें एवं संबंधित विवेचकों को समय-सीमा के भीतर प्रकरणों के निराकरण के संबंध में दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन करें। गंभीर अपराधों की विवेचना में गुणवत्ता , समयबद्धता और अभियोजन समन्वय को सर्वोच्च प्राथमिकता दिये जाने पर विशेष रूप से बल दिया गया। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि संपत्ति संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी गश्त-पेट्रोलिंग , आदतन पूर्व सिद्धदोष तथा संदिग्ध व्यक्तियों पर निगाह रखते हुये आवश्यक कार्यवाही करायी जावे। जुआ-सट्टा , अवैध शराब व अवैध मादक पदार्थों एवं नशीले पदार्थों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही कराई जावे। अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर शत-प्रतिशत रोक लाने हेतु मुखबिर तंत्र को सक्रिय करते हुये सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन चेकिंग सुनिश्चित की जावे। कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित किया जावे तथा इन पर निगाह रखते हुये विधिवत कार्यवाही सुनिश्चित की जावे। पुलिस महानिरीक्षक ने इस बात पर विशेष बल दिया कि पुलिसकर्मी पूर्ण अनुशासन में रहें , इसे सुनिश्चित किया जावे। किसी भी अनुशासहीनता के लिये संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार त्वरित अनुशासनात्मक कार्यवाही करें ताकि बल में अनुशासन का स्तर बना रहे। नगर पुलिस अधीक्षक/पुलिस अनुविभागीय अधिकारी को और अधिक जिम्मेदार बनाते हुये उन्हें नियमित टास्क दिया जाकर कार्यवाही सुनिश्चित करावें। पर्यवेक्षणकर्ता राजपत्रित अधिकारी अपने पर्यवेक्षणीय थाना के कार्यों की प्रतिदिन नियमित मॉनिटरिंग करें तथा अधीनस्थों को उचित दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन करें। राजपत्रित अधिकारीगण वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त सभी प्रकार के दिशा-निर्देशों को अधीनस्थों से साझा करें एवं दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करावें। इस समीक्षा बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह , पुलिस अधीक्षक मुंगेली भोजराम पटेल , पुलिस अधीक्षक रायगढ़ दिव्यांग पटेल , पुलिस अधीक्षक कोरबा सिद्धार्थ तिवारी , पुलिस अधीक्षक सारंगढ़-बिलाईगढ़ अंजनेय वार्ष्णेय , पुलिस अधीक्षक सक्ती सुश्री अंकित शर्मा , पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा विजय पाण्डेय , पुलिस अधीक्षक गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही सुरजन राम भगत सहित पु.म.नि. रेंज कार्या. से अति.पुलिस अधीक्षक श्रीमती मधुलिका सिंह उपस्थित रहे।