पुलिस की कार्रवाई: ठेकेदारों को ‘फर्जी’ नोटिस भेजकर लेते थे रिश्वत, ऑफिस से मिले 5.47 लाख

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भोपाल19 मिनट पहले
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3 ईएमई सेंटर बैरागढ़ में पदस्थ दो एजीई समेत 3 गिरफ्तार।
सीबीआई, भोपाल ने बुधवार शाम सेना के थ्री ईएमई सेंटर बैरागढ़ में पदस्थ दो असिस्टेंट गैरिसन इंजीनियर (एजीई) सहित 3 लोगों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी ठेकेदारों को ‘फर्जी’ नोटिस देते थे और मामले का निपटारा करने के नाम पर रिश्वत लेते थे।
यह काम वो अपने एक सीनियर अफसर के इशारों पर करते थे। सीबीआई ने अफसर की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। जल्द ही अफसर की गिरफ्तारी हो सकती है। तीनों को गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि मानव संसाधन का काम करने वाली एक फर्म ने शिकायत की थी कि उन्हें 7.93 लाख रुपए की रिकवरी का नोटिस दिया गया था। जब उन्होंने गैरिसन इंजीनियर अजय अग्रवाल से मुलाकात की उन्होंने गैरिसन जे जॉन कैनेडी और एजीई राजेंद्र सिंह यादव के पास उन्हें भेजा।
कैनेडी ने मामले का निपटारा करने के लिए 1 लाख और राजेंद्र ने 48 हजार रुपए मांगे। शिकायतकर्ता राशि देने गया तो कैनेडी ने 10 हजार रुपए और लिए। कैनेडी ने रिश्वत में मिले 1.10 लाख रुपए जूनियर असिस्टेंट क्लर्क अरुण सिंह को दिए, जिसे वो कमरे में बंद करके फरार हो गया। वहीं कैनेडी को उसके ऑफिस से गिरफ्तार किया गया।
कोयम्बटूर में सर्च…
सीबीआई ने तीनों आरोपियों के घर और ऑफिस में देर रात सर्च किया। कैनेडी के ऑफिस में अलमारी से 5.47 लाख कैश मिला। उसने बताया की यह पैसा अलग -अलग लोगों सेे काम के बदले रिश्वत के तौर पर मिला था। उधर के एक टीम ने कैनेडी के कोयम्बटूर में स्थित पैतृक घर पर गुरुवार दोपहर छापा मारा है।
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