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पीला कफ और संक्रमण? बस अपनाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खे

नई दिल्ली : सर्दियों के मौसम में बच्चों और बड़ों में अक्सर सर्दी, खांसी, जकड़न और बुखार जैसी परेशानियां बढ़ जाती हैं। इसी दौरान शरीर में कफ जमा होना भी आम हो जाता है। जब कफ का रंग पीला हो, तो यह अक्सर शरीर में किसी संक्रमण या सूजन के बढ़ने का संकेत होता है।कफ के शुरुआती दिनों में घबराने की जरूरत नहीं होती, लेकिन यदि यह 10 दिन या उससे ज्यादा पीला रहे और बुखार या सर्दी के लक्षण भी दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। आयुर्वेद में इसे शरीर के कफ और पित्त दोष के असंतुलन से जोड़ा गया है। जब शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाएं संक्रमण से लड़ती हैं, तो कफ का रंग पीला हो जाता है। यह शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है, जो संक्रमण और इंफ्लेमेशन के खिलाफ लड़ाई का संकेत देती है।

कफ को कम करने के लिए आयुर्वेद कई घरेलू उपाय सुझाता है। भाप लेना शरीर में जकड़न और कफ दोनों को दूर करता है। इसे हमेशा मुंह से लें, नाक से नहीं। हल्दी वाला दूध पीने से शरीर गर्म रहता है और कफ निकलने लगता है। मुलेठी का काढ़ा सुबह और शाम लिया जा सकता है, या दिन में मुलेठी को चबाया जा सकता है। इसके अलावा, तुलसी का अर्क और शहद का मिश्रण दिन में तीन बार लेने से भी फायदा होता है।

इन आसान आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर सर्दियों में कफ और संक्रमण की समस्या से राहत पाई जा सकती है। नियमित ध्यान और घरेलू नुस्खों से आप शरीर को स्वस्थ, मजबूत और संक्रमण-मुक्त रख सकते हैं।

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