पीएफआई: सिमी का गढ़ रहे शहर में अफसर तलाश रहे स्लीपर सेल

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खंडवा37 मिनट पहले

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सिमी का गढ़ रहे शहर में पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। स्थानीय पुलिस भी उसके स्लीपर सेल और उनसे जुड़े लोगांे की जानकारी जुटाने में लग गई है। अफसरों ने अपनी खुफिया टीम को इस काम में लगाया है। बताया जा रहा है कि पीएफआई की यहां पैनल भी बनाई गई थी। जिसमें जिला अध्यक्ष से लेकर सचिव और सदस्य भी तय किए गए थे। जब एनआईए ने मालवा में पीएफआई के ठिकानों पर रेड डाली तो शहर के पंधाना रोड में लगा पीएफआई का बैनर रातोंरात हटा दिया।

सोमवार रात एंटी टेररिज्म स्क्वायड (एटीएस) और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर रेड डाली। वहीं, प्रदेश में भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत नीमच, शाजापुर, राजगढ़, श्योपुर और गुना जैसे 8 जिलों में भी छापामार कार्रवाई की गई है। प्रदेशभर से 21 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इनके पास से लेपटॉप व संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए हैं। एटीएस को इन संदिग्धों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए 4 आरोपियों की पूछताछ में मिली थी। ये सभी प्रदेश में पीएफआई का नेटवर्क फैलाने में लगे हुए थे।

ये स्लीपर सेल की तरह प्रदेश के हर शहर में काम कर रहे थे। मालवा की जमीन पर पीएफआई आतंकी गतिविधियों के बीज बो रही थी। इसके साथ ही निमाड़ में भी पीएफआई की पैनल बनाने का टारगेट रखा था। खंडवा में पैनल बन भी चुकी थी। जिला अध्यक्ष से लेकर तो उसके सारे पदाधिकारी व सदस्य तय हो चुके थे। ये लोग स्लीपर सेल की तरह अंदर ही अंदर पीएफआई की विचारधारा पर काम भी करने में जुट गए थे। लेकिन लोग खुलकर कभी सामने नहीं आए।

छापामार कार्रवाई के डर से हटाया बैनर
खरगोन और सेंधवा को भी पीएफआई ने जोड़ा था। खरगोन दंगे में दंगाइयों की मदद करने के लिए पीएफआई आगे आई थी। महाराष्ट्र की बार्डर बुरहानपुर में भी देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए चुना। वहीं, सूत्रों के अनुसार खंडवा शहर में पंधाना रोड पर पीएफआई का पोस्टर भी लगाया गया था। जब मालवा में छापे पड़े तो रातोरात बैनर हटा दिया। इनके लेटर पेड भी बन चुके थे। इन्हीं सभी की जानकारी जुटाने में शहर की पुलिस भी लगी हुई है। हर थाना क्षेत्र की खुफिया टीम अपने इलाकों में पीएफआई से जुड़े लोगों के नाम तलाश रही है।

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