11 करोड़ रुपए के घपले का मामला: केवलारी एसडीएम और तहसीलदार का हुआ ट्रांसफर, मुख्य आरोपी अब भी फरार

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सिवनी5 घंटे पहले

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प्राकृतिक आपदा से मृत्यु के मामले में 11 करोड़ 16 लाख रुपए के गबन के मामले में कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है। केवलारी एसडीएम अमित सिंह ब्रम्हरोलिया और तहसीलदार हरीश लालवानी को केवलारी से हटा दिया। उनकी जगह केवलारी एसडीएम का प्रभार घोरमारे और तहसीलदार का प्रभार नितिन गौंड को सौंपा गया है। हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी अब भी फरार है।

निष्पक्षता से जांच होने की आशा

लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई के बाद उम्मीद की जा रही है कि अब केवलारी में हुए गबन के मामले में निष्पक्षता के साथ जांच हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में अभी तक मुख्य आरोपी सचिन दहायत फरार है। हालांकि उसके करीबी मित्र और विशेष अवधिया पुलिस हिरासत में है। जिनके खाते में भारी भरकम राशि ट्रांसफर की गई थी।

अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

इस मामले में लोगों का यह भी कहना है कि जिला प्रशासन ने एसडीएम और तहसीलदार को हटा दिया। लेकिन अभी भी ट्रेजरी अधिकारी और वित्तीय लेनदेन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि इस मामले में जिला कोषालय विभाग की संलिप्तता सामने आ सकती है।

रसूखदारों की भूमिका को लेकर उठ रहे सवाल

क्षेत्र में चर्चा है कि केवलारी के आसपास के कई रसूखदारों की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध हो सकती है। जिसकी निष्पक्ष जांच की जाए तो कई व्हाइट कॉलर वाले लोग फंस सकते है।

अनुकम्पा नियुक्ति में लगी थी गबन करने वाले कि नौकरी

बताया जाता है कि अशोक दहायत के निधन के बाद उनके बेटे सचिन दहायत की अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। 26 साल की उम्र में सचिन दहायत ने लगभग 11 करोड़ 16 लाख रुपए का गबन किया। सचिन ने 279 कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से 38 व्यक्तियों के 40 बैंक खातों के माध्यम से शासन को करोड़ों का चूना लगाया।

जिसके बाद तहसीलदार लालवानी ने सचिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। तब पुलिस ने सचिन दहायत के खिलाफ धारा 408, 409, 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया। अभी तक पुलिस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में नाकाम है। यदि पुलिस मुख्य आरोपी सचिन दहायत को गिरफ्तार करती है, तो उसके बाद और भी कुछ लोगों के चेहरे से नकाब उठेगा।

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