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पाकिस्तान, तालीबान के कंधों पर बंदूक रखकर भारत का मुकाबला करना चाहता है चीन

इस्लामाबाद ,17 अप्रैल। दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव से निश्चित रूप से उसके मंसूबों के प्रति शक पैदा होता है। बीजिंग क्षेत्र के कुछ महत्वपूर्ण देशों की आर्थिक कमजोरी का फायदा उठाकर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। भारत के साथ चीन के संबंधों को वास्तविक सीमा रेखा पर जारी संघर्षो से और भारत के आर्थिक विकास पर उसके करीबी नजर रखने से समझा जा सकता है जिसमें चीन ने आक्रमक रुख अपनाया हुआ है।

क्षेत्र में भारत के प्रभाव को कम करने के लिए चीन पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों का सहारा ले रहा है, वहां निवेश कर रहा है और उनकी मदद कर रहा है जिनकी अर्थव्यवस्थ खस्ताहाल है। नकदी की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान जो तेजी से विदेशी कर्ज और बद से बदतर हो रही वित्तीय स्थिति के बोझ तले डूब रहा है, उसे चीन ने बारंबर राहत पैकेज दिया है।

उसने वहां निवेश किया है, उसे कर्ज दिया है ताकि पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा की कमी न हो। इससे आने वाले समय में पाकिस्तान की राजनीति और वित्तीय विकास की दिशा तय करने में उसने अपनी भूमिका मजबूत कर ली है।

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