रायसेन में छठ पर्व: मिश्र तालाब घाट पर भोजपुरी समाज की महिलाओं ने डूबते सूरज को दिया अर्घ्य, गाए छठी मैया के गीत

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रायसेन6 घंटे पहले
सूर्य आराधना का तीन दिवसीय छठ महापर्व पर रायसेन शहर के वार्ड 9 मिश्र तालाब के घाट पर मनाया। भोजपुरी समाज की महिलाओं ने डूबते सूरज को अर्घ्य दिया और छठी मैया के गीत भी गाए। शहर में 50 से 60 परिवार भोजपुरी समाज के निवास करते हैं। जो बड़े ही धूमधाम के साथ छठ का पर्व मनाते हैं। रविवार शाम 5 बजे से ही भोजपुरी समाज की महिलाएं मिश्र तालाब के घाट पर डूबते सूरज को अर्घ्य देने के लिए पहुंची।
गन्ने का मंडप बनाकर पूरे विधि-विधान पंडित दीनबंधु तिवारी ने पूजा-अर्चना कराई। उसके बाद डूबते सूरज को अर्घ्य दिया। वहीं बच्चों ने आतिशबाजी की। शुक्रवार से भोजपुरी समाज के घर-घर में नहाय-खाय की रस्म के साथ व्रत शुरू हुआ था। शनिवार को खरना की रस्म के बाद शाम से महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ।
इस कठिन व्रत के लिए समाज के लोगों ने पहले से तैयारियां की हैं। जिले में रायसेन के अलावा मंडीदीप सहित बरेली नगर में भोजपुरी समाज के लोग इस चार दिवसीय व्रत को महोत्सव के रूप में मनाते हैं। छठ महापर्व में सूर्य देव और छठी मैय्या की पूजा करते हैं। कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है, इसमें सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा करते हैं।





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