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परंपरागत पूजन पश्चात सीएम की उपस्थिति में बंद हुआ केदारनाथ धाम का कपाट

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

केदारनाथ – विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग और सनातन आस्था का प्रमुख केन्द्र श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन पर्व पर प्रातः साढ़े आठ बजे परम्परानुसार शीतकाल के लिये बंद कर दिया गया। ऊं नम: शिवाय , जय बाबा केदारनाथ के जय घोष तथा भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान व धार्मिक परंपराओं के साथ कपाट बंद किये गये।

कपाट बंद होने के अवसर पर बाबा केदारनाथ धाम को 12 क्विंटल फूलों से भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था। मंदिर कपाट बंद होने की प्रक्रिया विशेष पूजाओं के साथ सुबह चार बजे से शुरू हो गई थी। सुबह चार बजे तक आम भक्तों ने दर्शन किये , इसके बाद पुनः पांच बजे से छह बजे तक भगवान की समाधि पूजा की गई , इसमें बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को बीकेटीसी के आचार्य , वेदपाठियों ,पुजारीगणों द्वारा भस्म , अनाज , फल , फूल , रुद्राक्ष , सफेद कपड़ा आदि से ढका गया। इसके बाद छह बजे पूजा – अर्चना , अभिषेक और आरती के साथ भोग लगाकर गर्भ गृह का द्वार बंद कर दिया गया। प्रातः साढ़े आठ बजे बाबा केदार की चल विग्रह पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाकर डोली को मंदिर की परिक्रमा कराई गई और इसके बाद श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित हजारों श्रद्धालुओं ने भी बाबा केदारनाथ के दर्शन किये। इस दौरान पूरी केदारघाटी हर – हर महादेव और जय बाबा केदार के जयघोष से गूंज उठी। कपाट बंद होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिये प्रस्थान किया।

हजारों श्रद्धालु बाबा की पंचमुखी डोली के साथ पैदल ही रवाना हुये , श्रद्धालुओं के लिये जगह – जगह भंडारे आयोजित किये गये थे। केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी , उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती , विजय कप्रवाण , केदारसभा के अध्यक्ष पंडित राजकुमार तिवारी , केदारसभा के मंत्री पंडित अंकित प्रसाद सेमवाल‌ , धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला , पुजारी बागेश लिंग , आचार्य संजय तिवारी , अखिलेश शुक्ला आदि मौजूद रहे।

आज रामपुर में होगा डोली का रात्रि विश्राम

बाबा केदार की डोली आज केदारनाथ से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिये रामपुर पहुंचेगी , यहां से दूसरे दिन 24 अक्टूबर को दूसरे पड़ाव गुप्तकाशी पहुंचेगी और तीसरे दिन 25 अक्तूबर को बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही भगवान केदारनाथ की छह महीने तक पूजा अर्चना की जायेगी , श्रद्धालु शीतकालीन यात्रा में यहां पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं।

सीएम धामी भी पहुंचे केदारनाथ

मंदिर के कपाट बंद होने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खास तौर पर केदारनाथ पहुंचे थे , उन्होंने श्री केदारनाथ धाम में विशेष पूजा – अर्चना करते हुये प्रदेशवासियों की सुख , समृद्धि और कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के सुनियोजित प्रयासों से इस बार की चार धाम यात्रा सफल और सुचारू रूप से संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि यह चार धाम यात्रा ना सिर्फ प्रदेश की आर्थिकी में अहम योगदान देती है , बल्कि देवभूमि उत्तराखंड को दुनियाँ भर में रहने वाले सनातन धर्मावलंबियों से भी जोड़ती है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर केदारनाथ धाम क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड के चार धामों के साथ ही मानसखंड से जुड़े मंदिरों में भी विभिन्न विकास कार्य पूरे किये जा रहे हैं। सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्ष 2026 की यात्रा के लिये अभी से रणनीति तय की ली जाये , ताकि समय रहते यात्रा प्रबंध पूरे किये जा सके। उन्होंने यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में तीर्थ पुरोहितों , हक हकूकधारियों , स्थानीय कारोबारियों और तीर्थ यात्रियों का विशेष आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते हुये कहा कि इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 17.39 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया , बाबा केदार के धाम की यात्रा अब सकुशल सम्पन्न हो चुकी है। हम सब पर बाबा का आशीर्वाद बना रहे , प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर विकसित कर रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की।

दोपहर में हुआ यमनोत्री का कपाट बंद

बाबा केदारनाथ के कपाट सुबह बंद होने के साथ ही भैया दूज के पावन पर्व पर चार धाम यात्रा के प्रथम तीर्थ (धाम) यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी आज दोपहर साढ़े बारह बजे वैदिक मंत्रोच्चारण और विशेष पूजा अर्चना के बाद शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये हैं। तीर्थ – पुरोहितों ने यमुनोत्री धाम में मां यमुना और शनिदेव महाराज की विशेष पूजा-अर्चना की , इस दौरान बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित और श्रद्धालु मौजूद रहे। परंपरा के अनुसार सुबह से ही धाम में मां यमुना की विशेष पूजा अर्चना के बाद कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई , इसके बाद श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन किये और यमुना में स्नान किया। वहीं आज शनिदेव महाराज की डोली यमुनोत्री धाम में पहुंची , जिसके बाद शनिदेव महाराज ने यमुना नदी में स्नान किया और अपनी बहन मां यमुना के साथ विशेष पूजा में शामिल हुये। इस अवसर पर धाम मां यमुना के जयकारों से गूंज उठा , इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति डोली यात्रा के साथ शीतकालीन प्रवास स्थल अपने मायके खरसाली गांव के लिये रवाना हुई। अब अगले छह माह तक मां यमुना श्रद्धालुओं को खरसाली गांव में दर्शन देगी और यहीं पर उनकी नित्य पूजा संपन्न होगी। यमुनोत्री धाम में इस वर्ष 645000 श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन कर पूजा अर्चना की।

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