पंडित राधेलाल तिवारी जी को क्षेत्र की जनता ने नम आँखों सें दी विदाई

भारतीय राजनीति में एक ऐसा भी युग था, जब लोग भारतीय अस्मिता एवं अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे थे। उस समय छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसे जन नेताओं का जन्म हुआ जिन्होंने, आम जनता को साथ लेकर भारतीय अस्मिता को महत्वपूर्ण पहचान दिलाने में अपनी भूमिका अदा की। वह एक ऐसा युग था जब लोग केवल भारतीय राजनीति के नाम पर केवल कांग्रेस के नेतृत्व से ही परिचित थे, जनता को जागरूक करने वाले नेताओं का सर्वथा अभाव महसूस किया जा रहा था। उस समय कांग्रेस के नेतृत्व के आगे खड़ा होना देशद्रोह के समान समझा जाता था, इस युग में एक ऐसे जन नेता का छत्तीसगढ़ में उदय हुआ जिन्होंने छत्तीसगढ़ की आम जनमानस को भारतीय अस्मिता एवं गौरव की पहचान के बारे में बताते हुए,जनमानस को जागरूक करने एवं शासन की जन विरोधी नीतियों से अवगत कराने में अपना महत्वपूर्ण किरदार निभाया।
ऐसे ही जन नेताओं में पंडित राधेलाल तिवारी का नाम सबसे आगे लिया जाता है। जनसंघ के प्रमुख नेतृत्वकर्ता और जमीनी रूप सें छत्तीसगढ़ के आम लोगो को जोड़ने का कार्य पंडित जी ने किया, लंबे समय से स्वास्थ्य खराब होने के कारण आज संसार से विदा आवश्यक हो गए परंतु उनकी यादें आज भी जनमानस में रची और बसी हैं। उनके छोटे सुपुत्र पंडित रेवती रमण तिवारी बताते है कि बाबूजी उस जमाने से जनसंघ से जुड़े थे जिस जमाने में लोग राजनीति का ककहरा भी नहीं समझ पाते थे, आज विधायक पद के लिए करोड़ों रुपए का दाम खेला जा रहा है परंतु एक समय था जब जनसंघ के नेता के रूप में सन 1078 में उन्होंने जनसंघ सें दिया छाप चुनाव चिन्ह से सीपत विधानसभा सें धन बल से चुनाव नहीं लड़ा अपितु जन बल से चुनाव लड़ा और विरोधियों के भी हौसले पस्त कर दिए। इसके आलावा अविभाजित मध्यप्रदेश के बिलासपुर जिला सहकारी बैंक के सचिव पद को भी उन्होंने संभाला और अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, आज उनका जाना इस क्षेत्र की जनता को ऐसा प्रतीत होता है कि घर का एक बहुत बड़ा मुखिया हम सबके बीच से चला गया।
अंतिम विदाई कार्यक्रम में शामिल अजय केसरवानी जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष,मदन शुक्ला लोकेश धर दीवान, रुपेश त्रिवेदी, संतोष गुप्ता, न्यायालय अधीक्षक पी एल रजक क्षेत्र की लोकप्रिय नेत्री हर्षिता पांडेय। सूर्य तिवारी परिवार के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,अनुराग तिवारी अवधेश शर्मा शिव किशोर तिवारी सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं नेता उपस्थित रहे।




