पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा से पहले फिर विवाद: SDM ने कहा- कथा के लिए जमीन कम, इजाजत नहीं; आयोजक बोले- जमीन पर्याप्त से अधिक

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बैतूल7 घंटे पहले
पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कथा से पहले एक बार विवाद शुरू हो गया। इस बार ये विवाद पंडित जी के किसी बयान को लेकर नहीं बल्कि कथा स्थल को लेकर हुआ है। 12 से 18 दिसंबर तक बैतूल में शिवमहापुराण की कथा होनी है। लेकिन यहां जमीन का पेंच फंस गया। बैतूल ने कार्यक्रम स्थल की जमीन को अपर्याप्त बताते हुए कार्यक्रम की अनुमति देने से इंकार कर दिया है।
श्री शिवमहापुराण कथा के आयोजकों ने एनओसी के लिए आवेदन किया था। जिसे SDM ने खारिज कर दिया। SDM केसी परते ने कहा कि कथा के लिए पीडब्ल्यूडी और पुलिस के प्रतिवेदन के अनुसार, कार्यक्रम स्थल काफी छोटा है। PWD ने प्रतिवेदन में कहा है की सभा स्थल का कुल क्षेत्रफल लगभग 26,200 स्कॉव्यर मीटर है। इतने क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सकता। कथा स्थल के बगल में मंडी भी है।

पार्किग व्यवस्था नहीं हो पाएगी
कार्यक्रम स्थल आयतकार नहीं है। बल्कि वह 3 अलग-अलग हिस्सों में है। सोनाघाटी-मिलानपुर रोड पर कार्यक्रम होगा, इस वजह से पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं हो पाएगी। कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु आएंगे, इस वजह से ट्रैफिक व्यवस्था भी बिगड़ जाएगी। SDM ने एसडीओपी के पत्र का हवाला देकर कहा कि बडोरा-बैतूल बाजार रोड पर एक ही रोड पर पार्किंग होने की वजह से जाम लग जाएगी।
पुल सिंगल लेन है
SDM ने अपने पत्र में आगे लिखा कि कथा स्थल के पास स्थित दुकानों और ऑफिसों में काम करने वाले लोगों को भी परेशानी होगी। बडोरा मंडी के पास आम दिनों में ही भीड़-भाड़ रहती है। अगर वहां कथा का आयोजन हो गया तो क्या होगा? उन्होंने आगे कहा कि अगर हम चाहें कि ट्रैफिक को डायवर्ट भी कर दें तो भी जाम लगा ही रहेगा। क्योंकि डाइवर्जन के दौरान, ट्रैफिक को करबला पुल से होकर गुजरना पड़ेगा और करबला पुल सिंगल लेन ही है। जिसमे जाम लगा ही रहेगा। इसी वजह से पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा शिव महापुराण कथा के आयोजन के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

आयोजन समिति ने शंका का किया समाधान
SDM के अनुमति न देने से आयोजन समिति आहत है। समिति ने SDM को पत्र लिखकर कार्यक्रम स्थल को अपर्याप्त बताने वाले आदेश पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की है। आयोजकों ने पत्र में कहा कि मौके पर 80,000 स्कॉव्यर मीटर (20 एकड़) जमीन उपलब्ध है। पंडाल में बैठकर कथा सुनने के लिए 25 एकड़ जमीन है। आसपास की 100 एकड़ जमीन पार्किंग सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए निशुल्क देने के लिए लोगों ने समिति को सहमति दे दी है। पंडित मिश्रा जी की समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण किया था, उन्होंने कथा स्थल को जरुरत से अधिक बताकर अपनी स्वीकृति और सहमति प्रदान की। समिति ने अपने पत्र में 12 बिंदुओं में प्रशासन की शंका का समाधान किया है।
12 बिंदुओं में कुछ बिंदु ये हैं, बाकि बिंदुओं के लिए नीचे लगाई गई फोटो पढ़ें-
- आयोजन समीति कथा स्थल पर पूर्व में प्रस्तुत 26,200 स्कॉव्यर मीटर के स्थान पर 80000 स्कॉव्यर मीटर (20 एकड़) लगभग भूमि का संशोधित नक्शा प्रस्तुत कर रही है। जिससे आपकी कम जगह की शंका का समाधान हो जाएगा।
- समीति ने अन्य जगह होने वाले आयोजन स्थलों का अवलोकन किया है तो यह पाया कि कही 5 एकड़ में कही 10 एकड़ में, और कहीं-कहीं 20 एकड़ क्षेत्र में इस प्रकार के आयोजन सफलता पूर्वक किए हैं। हम 20 एकड़ जमीन कथा स्थल हेतू उपलब्ध करवा रहे है।


विधायक ने दिया प्रस्ताव
जमीन का पेंच फंसने के बाद बैतूल के कांग्रेस विधायक निलय डागा ने अपनी कथा के लिए अपनी जमीन देने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि अगर किलेदार गार्डन की जमीन कम है तो कथा इंदौर-बैतूल हाइवे पर परसोड़ा स्थित डागा वेयर हाउस के बगल में खाली पड़ी जमीन पर करा सकते हैं। यहां 25 एकड़ जमीन निलय डागा की पत्नी दिपाली डागा के नाम है, तो वहीं 39 एकड़ जमीन उनकी माता निर्मला विनोद डागा के नाम पर है।

कैसे होगा निपटारा
जमीन की कमी बताकर निरस्त की गई अनुमति के बाद अब प्रशासन आयोजकों की तरफ से पर्याप्त जमीन के प्रस्ताव का इंतजार कर रहा है। SDM केसी परते ने बताया की आयोजक ही नई जमीन का प्रस्ताव देंगे। हमारा काम कानून व्यवस्था बनाना है। साकादेही में उनका कालेज है। वहां भी पर्याप्त जमीन है। प्रस्ताव आने पर विचार किया जाएगा।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने मांगी माफी; कहा- विधर्मी मेरे पीछे लगे हैं
मंदसौर में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा से पहले छिड़े विवाद को लेकर पंडित मिश्रा भड़क उठे। उन्होंने कहा कि शिवमहापुराण की कथा जहां होती है, वहां पहले बहुत समस्याएं आती हैं। कल से (26 सितंबर) मंदसौर में कथा होने वाली है। वहां भी परेशानियों का क्रम जारी है। क्योंकि जब तक कथा शुरू नहीं हो जाती तब तक ये विधर्मी कैसे न कैसे आग लगाएंगे। वे आग लगाकर सनातन धर्म को तोड़ेंगे। पंडित मिश्रा ने अशोकनगर की कथा में कहा कि- विधर्मी चाहते हैं पुरुष, महिला, माता, बहन और बुजुर्ग एक साथ-एक जगह इक्ठ्ठा न हों। विधर्मी लगे हैं, कैसे नवयुवकों को तोड़ा जाए, कैसे नवयुवतियों को तोड़ा जाए। मेरी कथा फिर काशी में है, भीकनगांव में है, वहां भी ऐसे ही होगा। विधर्मी तो सबसे ज्यादा मेरे पीछे लगे हैं, कैसे महाराज जी को तोड़ा जाए, किसी भी तरह से इनको नीचे किया जाए। पूरी खबर यहां पढ़ें…
फेल नहीं…पास हुआ मेरा बेटा; विरोधी हमें नहीं तोड़ पाए तो बच्चों तक पहुंच गए

सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा का बेटा आठवीं में फेल हो गया? यह खबर सोशल मीडिया और अखबारों में जमकर वायरल हो रही है, जबकि ऐसा नहीं है। दैनिक भास्कर ऐप से चर्चा करते हुए पं. मिश्रा ने इस वायरल खबर को साजिश बताया। उन्होंने कहा कि जब सनातन धर्म के विरोधी पिता को नहीं तोड़ पाए, तो बेटे को तोड़ने में लगे हैं। मेरे बेटे का रिजल्ट मार्च में ही आ गया था। इस झूठी अफवाहों के कारण राघव टेंशन में है। वह डिप्रेशन में चला गया इसलिए कुछ दिनों के लिए हमने राघव को उसके नाना के घर भेज दिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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