निसंतान दंपतियों की जीवन दायिनी है बैतूल की पूर्णा नदी: हर साल नदी पर लगता है मेला, हजारों दंपती होते हैं शामिल, चंद्रमा की पुत्री हैं पूर्णा

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बैतूल3 मिनट पहले

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बैतूल की पूर्णा नदी पर निसंतान दंपतियों का मेला लगता है। संतान की प्राप्ति के लिए हर साल दंपती अपनी मनौतियां लेकर आते हैं। जिनकी मनौतियां पूरी हो जाती है, वे यहां आकर बच्चे की पूजा कराते हैं। नवजात को वे मां का आशीर्वाद दिलाते हैं।

भैसदेही के पास बहती है नदी

चंद्र पुत्री यानि चंद्रमा की कन्या कहलाने वाली यह नदी बैतूल के भैंसदेही कस्बे के पास से निकलती है। कार्तिक मास की पूर्णिमा से यहां पूरे एक पखवाड़े तक निसंतान दंपतियों और सुख समृद्धि की आस लेकर लोग मेले में आते हैं। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश से यहां श्रद्धालु आते हैं।

चंद्रपुत्री कहलाती है नदी

चंद्रपुत्री कहलाने वाली इस नदी की उत्पति के पीछे कई पौराणिक आधार और किवदंतियां कही जाती है। कोई इसे सप्तऋषियों की आराधना का फल बताता है तो कई मानते हैं कि इलाके मे फैले अकाल के बाद एक राजा की तपस्या के बाद भगवान शिव ने पूर्णा को यहां अवतरित कराया था। कहा जाता है कि कभी यह दूध की धारा के रूप मे बहा करती थी।

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