नाबालिग मूक बधिर से दुष्कर्म के मामले तीन को जमानत: 6 लोगों को पुलिस ने बनाया था आरोपी, DNA टेस्ट आरोपियों से नहीं हुआ मैच

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ग्वालियरएक घंटा पहले
ग्वालियर नाबालिग मूक बधिर से दुष्कर्म मामले की जांच में मुरैना पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। कारण , पुलिस ने इस मामले में कुल 6 लोगों को आरोपी बनाया। दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई नाबालिग ने बेटी को जन्म दिया। पुलिस ने जब 6 आरोपियों के डीएनए से उसका डीएनए मैच कराया तो वह मिसमैच हो गया। डीएनए रिपोर्ट को आधार बनाकर आरोपी राजू सिंह ने जमानत देने की गुहार लगाई जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। राजू के साथ ही दो अन्य आरोपी संतोष और अजय को भी जमानत मिल चुकी है। उधर पुलिस इस मामले में चालान पेश कर चुकी है , लेकिन डीएनए मिसमैच होने के चलते हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पुलिस को जांच जारी रखने का आदेश दिया है।
2020 में आरोपी हुए थे गिरफ्तार
एडवोकेट आनंद पुरोहित ने बताया कि मुरैना के पुलिस थाना महुआ में अप्रैल 2020 में एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई । इसमें बताया गया कि नाबालिग मूक – बधिर के साथ दुष्कर्म किया गया , जिसके चलते वह गर्भवती हो गई । इस मामले में पुलिस ने बृजेश , राजू और बबलू का नाम एफआईआर में लिखा , जबकि मूक – बधिर के बयान के आधार पर संतोष , अजय और सूरज को बाद में आरोपी बनाया । सभी आरोपियों की अप्रैल से लेकर मई 2020 के बीच में गिरफ्तारी हुई ।
बेटी को 2021 में दे दिया था गोद
दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई नाबालिग के परिजनों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उसका गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी। हाई कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति प्रदान नहीं की। कुछ समय बाद नाबालिग ने ग्वालियर में विशेषज्ञों की देखरेख में बेटी को जन्म दिया । बाद में इस बेटी को बाल कल्याण समिति के मार्गदर्शन में गोद दे दिया गया।
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