नाबालिग मां का दुष्कर्म की निशानी रखने से इनकार: चाइल्ड लाइन कर रही मां की काउंसलिंग; परिजन ने कहा कि बच्ची को ‘सरकार’ ही रखे

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इंदौर28 मिनट पहले
इंदौर में एक 12 वर्षीय बालक द्वारा खंडवा की 15 वर्षीय किशोरी के साथ रेप के बाद जन्मी बच्ची के मामले में आरोपी की भले ही जमानत हो गई हो लेकिन इस केस में मासूम दुधमुंही बच्ची की फजीहत हो गई है। उसकी नाबालिग मां और उसके परिजन उसे अपनाने को राजी नहीं हैं। उन्होंने अस्पताल व पुलिस को साफ इनकार कर दिया है कि वे उसे रखना नहीं चाहते। इसके चलते मासूम को अस्पताल से खंडवा के एक शिशु गृह में रखा गया है।
इस मामले में जांच इंदौर पुलिस कर रही है। नाबालिग मां अब उसके खंडवा स्थित घर पर है। खंडवा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विजय सनावा ने बताया कि उक्त नवजात बच्ची एक शिशु गृह में है तथा समिति की देखरेख में है। मामले में समिति ने एक पत्र चाइल्ड लाइन को लिखा है कि वह उनसे संपर्क कर उन्हें बाल कल्याण समिति के पास लाए या फिर उनके घर जाकर किशोरी व उनके परिजन की काउंसिलिंग करें। इसके लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है। इसके लिए 20 नवम्बर तक की तारीख दी गई है। ऐसे में अब सोमवार को स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी। अगर वे बच्ची को रखना चाहे या नहीं, दोनों ही स्थिति में उनसे आवेदन लिया जाएगा। अगर वे बच्ची को रखना चाहते हैं तो कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची सौंपी जाएगी। अगर वे नहीं रखना चाहते तो उन्हें दो माह का समय दिया जाएगा। इसके बाद बच्ची शासन को सरेंडर कर दी जाएगी। इसके बाद बच्ची CARA (Central Adoption Resouce Authority) के माध्यम से गोद दी जा सकेगी।
चाइल्ड लाइन बता रही जैविक संतान का महत्व

उधर, नाबालिग मां व उसके परिजन किसी भी स्थिति में बच्ची को रखने को तैयार नहीं है। वे कई बार कह चुके हैं कि यह बच्ची अस्पताल रख ले, किसी को गोद दे दे या खुद सरकार रख लें। दूसरी ओर चाइल्ड लाइन के काउंसलर उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है कि बच्ची उनकी जैविक संतान है। दूसरी ओर शिशु गृह में बच्ची का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उसे मिल्क बैंक के माध्यम से दूध उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि वह कुपोषण का शिकार न हो।
अभी नहीं मिली है DNA रिपोर्ट

उधर, इस मामले में करीब 15 दिन पहले इंदौर पुलिस ने नाबालिग मां, आरोपित 12 वर्षीय बालक और नवजात बच्ची का डीएनए सैंपल करवाए थे जिनकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। रिपोर्ट आने के बाद अधिकृत से जैविक संतान होने की पुष्टि हो सकेगी। रिपोर्ट आ भी गई तो कोर्ट सुनवाई में काफी समय लगेगा। इसके बाद कोर्ट के निर्णय पर सारी स्थिति निर्भर होगी।
नाबालिग के परिजन ने इसलिए किया मना
– पिता ने डॉक्टरों से कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए वे बच्ची को रखना नहीं चाहते।
– परिजन का यह भी कहना है कि बच्ची को को रखने की स्थिति में उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो जाएगी।
– खुद उसकी नाबालिग मां अभी अबोध है। अव्वल तो उसकी काउंसिलिंग जरूरी है ताकि वह यह सब भूल जाए। फिर उसकी स्कूली पढ़ाई भी करानी है।
– दूसरी ओर बालक के परिजन पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि किशोरी पांच माह पहले इंदौर आई थी जबकि डिलrवरी सातवें माह में हुई है। उन्होंने इसकी ठोस तरीके से जांच की मांग की है।
यह है पूरा मामला

खंडवा की रहने वाली 15 साल की लड़की सात-आठ महीने पहले इंदौर में मौसी के घर आई थी। उसका आरोप है कि कॉलोनी में ही रहने वाले 13 साल के लड़के ने अकेला पाकर उससे रेप किया। उसे पता ही नहीं चला कि उसके साथ कितना गलत हो गया। राखी पर वह इंदौर से खंडवा लौट गई। यहां दिवाली के दिन सफाई करते समय वह गिरी और पेट दर्द हुआ। अस्पताल ले गए तो वहां उसने बेटी को जन्म दिया। तब रेप का खुलासा हुआ। वर्तमान में किशोरी अपने घर पर है जबकि बालक की भी जमानत हो गई है।
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