नाथ के साथ मंत्री रहे गोविंद राजपूत बोले: महाकाल कॉरिडोर का पूरा प्रोजेक्ट BJP सरकार ने बनाया, कमलनाथ सिर्फ क्रेडिट लेने में जुटे

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भोपाल2 घंटे पहले

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन में तैयार हुए महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। महाकाल लोक के दिव्य और भव्य स्वरूप के उद्धाटन के पहले ही श्रेय लेने की होड़ मची है। कांग्रेसी इस प्रोजेक्ट को कमलनाथ सरकार की देन बता रहे हैं। कांग्रेस का दावा है कि कमलनाथ ने साल 2019 में इस प्रोजेक्ट के लिए 300 करोड़ रूपए मंजूर किए थे। कांग्रेस के दावों पर मप्र के राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने पलटवार करते हुए कहा कि, कांग्रेस सोते-सोते जागने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक कॉरिडोर के निर्माण के लिए 700 करोड़ की राशि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में मंजूर हुआ था। सच्चाई यह है कि कॉरिडोर के निर्माण में कांग्रेस का कोई योगदान नहीं है, यह सारा प्रयास प्रदेश की भाजपा सरकार का है। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कॉरिडोर का शुभारंभ करने आ रहे हैं, जिस वजह से प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में भी इसकी चर्चा हो रही है। इस वजह से कांग्रेस झूठा श्रेय लेने के चक्कर में अनर्गल प्रचार कर रही है। भाजपा ही देश की एकमात्र पार्टी है, जिसने सनातन परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश-प्रदेश के धार्मिक स्थलों का विकास एवं उन्नयन तथा जीर्णोद्वार करने और नए कॉरिडोर बनाने का काम किया है। यह सभी कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हिंदुत्व की परंपरा को आगे बढ़ाने वाली पार्टी है।

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल को भूल नहीं पाएगी जनता- राजपूत

राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि देश-प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सतही प्रयासों को कभी भूल नहीं पाएगी। देश-प्रदेश में जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनके जीर्णोद्धार और नवनिर्माण को लेकर पिछले 70 सालों में कोई प्रयास नहीं किए गए। मध्यप्रदेश ही नहीं, देश में जितने भी बड़े धार्मिक स्थल हैं उनको संरक्षित करने और संवारने का काम मोदी सरकार में हुआ है। अयोध्या और काशी का उदाहरण देते हुए मंत्री राजपूत ने कहा कि अयोध्या में 500 साल पुराने विवाद को सुलझाने का काम नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है। इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर में कॉरिडोर का निर्माण एवं अब उज्जैन में महाकाल लोक का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथों होने जा रहा है। यह हम सब के लिए गौरव का क्षण है।
4 जिलों में शुरु होगा सायबर तहसीलों के पायलट प्रोजेक्ट का सेकंड फेज
मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा सीहोर एवं दतिया जिले से सायबर तहसील के रूप में एक अभिनव प्रयोग करने वाले मध्यप्रदेश राज्य इस पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद योजना के दूसरे चरण में इसे इंदौर, हरदा, डिंडौरी और सागर में लागू करने जा रहा है। सागर में 10 अक्टूबर से सायबर तहसील शुरु भी हो जाएगी, उसके बाद बाकी तीन जिलों में भी शुरू हो जाएगी।
सायबर तहसील बनाने वाला एमपी देश में पहला राज्य
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि सायबर तहसील लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का इकलौता राज्य है, जिसने इस अभिनव प्रयोग के जरिए लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण में सफलता हासिल की है। दूसरे चरण के पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद हम इसे पूरे राज्य में लागू करने की योजना बना रहे हैं। हमने अविवादित नामांतरण, बंटवारे के प्रकरणों को आसानी से निपटाने के लिए सायबर तहसील का गठन किया था। जिस जिले में सायबर तहसील कार्य करेगी उस जिले के लोगों को अविवादित नामांतरण, बंटवारे के प्रकरणों के लिए तहसील कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन आवेदन कर के ऐसे अविवादित नामांतरण,बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण हो सकेगा।

दूसरे राज्य करने आ रहे हमारा अध्ययन

राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश के सायबर तहसील की परिकल्पना इतनी बेहतर है कि अन्य राज्यों के राजस्व महकमें का दल इसकी संरचना और कार्यप्रणाली के अध्यन के लिए मध्यप्रदेश आ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में देश के दूसरे राज्य भी राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश की सायबर तहसील के कान्सेप्ट को लागू करेंगे। श्री राजपूत ने कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के सेकेंड फेज की सफलता का आंकलन करने के लिए हम 6 महीने तक इसके परिणाम का अध्यन करेंगे, और फिर पूरे प्रदेश में लागू करेंगे।

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