हरतालिका तीज पर्व पर PCC महासचिव इंजी.रवि पाण्डेय ने सभी तीजहारिन माता – बहनों को व्रत की सफलता और मनोकामना पूर्ति के लिये दी बधाई शुभकामनाएं

जांजगीर, 17 सितंबर । छत्तीसगढ़ में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है।राज्य में इसे तीजा कहा जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। तीजा के एक दिन पहले ’करु भात’ खाने की खास परंपरा है।
तीज के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं एक दिन पहले करेले की सब्जी और चावल खाती हैं जिसके बाद कुछ भी नहीं खाती हैं। तीज व्रत के एक दिन पहले करेला इसलिए खाया जाता है,क्योंकि करेला खाने से कम प्यास लगती है हरतालिका तीज का उपवास महिलाएं निर्जला होकर करती है। इस दिन करेला खाने का दूसरा कारण ये भी है कि मन की शुद्धता के लिए करेले की कड़वाहट जरूरी है,जिससे मन शांत हो जाता है। इस दिन करेला खाने का दूसरा कारण ये भी है कि मन की शुद्धता के लिए करेले की कड़वाहट जरूरी है,जिससे मन शांत हो जाता है क्षेत्र की माता बहनों को अपने बधाई संदेश में कहा है कि हरतालिका तीज सौभाग्यवती महिलाओं का पौराणिक और पारंपरिक व्रत है।इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती का मिलन हुआ था हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है। इस व्रत में अन्न और जल का त्याग कर निर्जला किया जाता है। सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं,व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं, हरतालिका तीज का व्रत जीवन में ऊर्जा लाता है।