नवरात्रि पर्व: बच्चों-महिलाओं के लिए हुई प्रतियोगिता, पूजा-अर्चना-महाआरती के बाद हुए भंडारे

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शहडोल27 मिनट पहले
शारदेय नवरात्रि के पावन पर्व के आज अंतिम दिन मंगलवार को शहर भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की चहल पहल काफी संख्या में बनी रही। अल सुबह माता रानी के भक्त उन्हें जल एवं भोग चाढ़ने आतुर दिखे। लोगों ने अपने घरों और मंदिरों में कन्या पूजन कर भोज कराया। दोपहर से कई स्थानों पर विशाल भंडारा आयोजित हुआ।
शहर की गलियों सहित मंदिरों में जगत जननी मां दुर्गा के भक्तिमय संगीत गुंजायमान हैं। मुख्यालय स्थित विराटेश्वरी धाम दुर्गा मंदिर, चंदनिया की बूढ़ी माता मंदिर, पौनांग देवी मंदिर व अंतरा की कंकाली देवी मंदिर, शारदा मंदिर, विराट मंदिर, खेरमाता मंदिर, घरौलानाथ मंदिर, साईं मंदिर, दुर्गा मंदिर पुरानी बस्ती, गणेश मंदिर, हनुमान मंदिर पुराना बस स्टैंड, रेलवे कॉलोनी स्थित काली मंदिर एवं कल्याणपुर हनुमान मंदिर, सिंहपुर गणेश मंदिर, जैतपुर के भटिया देवी मंदिर और धनपुरी के ज्वालामुखी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों एवं शक्तिपीठों में काफी संख्या में भक्तगण पहुंचे। उन्होंने मां के स्वरूप का दर्शन का लाभ प्राप्त करते हुए उनसे सुख समृद्धि की कामना की।
सुबह से इन मंदिरों में लोगों की भीड़ बनी रही, जो अभी भी बनी हुई है। इसके साथ ही शहर भर के दुर्गा पंडालों में स्थापित किए गए मां दुर्गा की प्रतिमाओं के दर्शन के लिए भी लोग पहुंच रहे हैं। देवी भक्तों ने मां की जय-जयकार कर रहे हैं। लोग भक्ति भाव में डूबे हुए हैं।
शहर के गंज गल्ला मंडी में स्वर संगम नव दुर्गा उत्सव समिति द्वारा विराजित माता रानी के दरबार में दोपहर 12:00 बजे से विशाल भंडारा शुरू किया गया। यहां पर लोगों को बिठाकर प्रसाद खिलाया जा रहा है। हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण यहां पहुंच कर प्रसाद ले चुके हैं और यह क्रम अभी भी जारी है। कोतवाली स्थित दुर्गा मंदिर, बुढार चौक, घरौला मोहल्ला, पुरानी बस्ती सहित कई अन्य स्थानों में भी भंडारे का आयोजन किया गया।



भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया
इसी प्रकार प्रख्यात अंतरा स्थित मां कंकाली देवी एवं चंदनिया स्थित बूढ़ी भाई मंदिर में भी भंडारे का आयोजन किया गया। जहां दूर-दूर से लोग माता के दर्शन करने पहुंचे, और पूजा अर्चना के पश्चात भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। कई दुर्गा पंडालों में हवन संपन्न हो चुका है तो कई जगहों पर बुधवार को हवन क्रिया होगी। बुधवार को काली खप्पर के साथ जवारा विसर्जन कार्यक्रम भी आयोजित होगा।
रेलवे कॉलोनी स्थित छोटी काली मंदिर में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना षष्ठमी से शुरू होती है। अष्टमी और नवमी को यहां मिलन समिति के तत्वावधान में बंगाली समाज के लोगों द्वारा मां का भव्य श्रृंगार कर पूजा अर्चना व महाआरती की जाती है। बताया गया है कि बंगाली समाज षष्ठमी से लेकर नवमी तक दुर्गा अष्टमी पर्व को बेहद खास मनाते हुए धूमधाम और उत्साह से मनाते हैं। इन दिनों को समाज विशेष महत्व देता है।
अष्टमी को सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं, और बंगाली समाज की महिलाएं विशेष साज-सज्जा व श्रृंगार करती हैं। सप्तमी से लेकर नवमी तक भंडारा प्रसाद वितरण लगातार तीन दिनों तक किया जाता है। इन तीन दिनों में शाम को पूजा-अर्चना के बाद धुत्ती डांस किया जाता है। वहीं तीनों दिन बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिता भी आयोजित होती है। जिसमें ड्राइंग, सिंगिंग, डांस व अन्य प्रतियोगिता के साथ महिलाओं के लिए शंख ध्वनि प्रतियोगिता जैसे अनेक कार्यक्रम किए जाते हैं।



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