Chhattisgarh

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं, जानिए प्रिय भोग, मंत्र और महत्व

हिंदू पंचांग ( hindu panchang) अनुसार अश्विन माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि को नवरात्रि का चौथा दिन होता है। इस दिन आदि शक्ति के भवानी के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा का विधान है। नवारित्र( navratri) के 9 दिन मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां कुष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। शास्त्रों के अनुसार मां कुष्मांडा संसार को अनेक कष्टों और संकटों से मुक्ति दिलाती हैं. इस दिन लाल रंग( red color) के फूलों से पूजा करने का विधान है. ऐसा माना जाता है कि मां को लाल रंग के फूल बेहद प्रिय हैं. कहते हैं कि मां कुष्मांडा की पूजा के बाद दुर्गा चालीसा और मां दुर्गा की आरती अवश्य करनी चाहिए।

मां कूष्मांडा का प्रिय फूल (Maa Kushmanda Flower)

पुराणों के अनुसार देवी कूष्मांडा को पीले रंग का कमल बेहद पसंद है. मान्यता है कि अगर इसे मां कुष्मांडा को अर्पित किया जाए, तो साधक को अच्छे स्वास्थ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पीली मिठाई( sweets) आदि चीजें अर्पित करें.

पीला रंग बेहद प्रिय है इसलिए इस दिन मां को पीले ( yellow color)रंग के वस्त्र, पीली चूड़ी, पीली मिठाई आदि चीजें अर्पित करें. इससे मां जल्दी प्रसन्न होती हैं।

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