सांसद-विधायक के खिलाफ प्रदर्शन: सिवनी में अखिल भारत अनुसूचित जाति परिषद ने सौंपा ज्ञापन, कार्यवाही की मांग

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सिवनी7 घंटे पहले

सिवनी जिला मुख्यालय में अखिल भारत अनुसूचित जाति परिषद ने रविवार शाम को नारेबाजी कर पुतला फूंकने का प्रयास किया। इस दौरान अखिल भारत अनुसूचित जाति परिषद के लोगों ने बताया कि महाकौशल क्षेत्र के सिवनी जिले में राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी के संबंध में सांसद सांसद ढाल सिंह बिसेन और विधायक ने शासन प्रशासन को गुमराह कर अनुचित लाभ दिलवाने का प्रयास किया है। इस पर कार्यवाही करते हुए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए जाए। इसे लेकर राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम पर अंबेडकर चौक में ज्ञापन सौंपा गया।

लगाए गंभीर आरोप

ज्ञापन में बताया है कि मप्र के सिवनी जिले में राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति सम्पन्न मालगुजार है। वे अस्वच्छ धंधों में लिप्त नहीं रहते। जाति नामों में समानता का फायदा उठाकर चोरी छिपे प्रलोभन देकर अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति का फायदा उठा रहे हैं।

सैंकड़ों लोगों ने लिया लाभ

यह भी बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सैकड़ों लोग शासकीय सेवाओं एवं निर्वाचन में भाग ले रहे हैं। जिससे मूल अनुसूचित जाति को प्राप्त संवैधानिक आरक्षण का हनन हो रहा है। जबकि राज्य सरकार वर्ष 1978 से बागरी जाति को राजपूत ठाकुर की उपजाति मानकर अनुसूचित जाति की सुविधाएं देने से रोक रही है। किंतु मध्यप्रदेश में कांग्रेस एवं भाजपा अपने राजनैतिक फायदे के लिए लोगों को अनुसूचित जाति का फायदा दिलाने का प्रयास करते रहते हैं।

सांसद-विधायक पर लगाए आरोप

ज्ञापन में आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार की अनुसंशा पर भारतीय संसद ने अनुसूचित जाति संविधान संशोधन बिल 2007 पारित कर अनुसूचित जाति की सूची क्रमांक 02 पर बागरी/ बागड़ी के आगे राजपूत एवं ठाकुर की उपजाति बागरी छोड़कर संशोधित किया गया है। इस तथ्य की जानकारी सांसद व विधायक को होने के बाद भी गुमराह करने के आशय से विरोधाभास पैदा किया जा रहा है।

13 अनुसूचित जातियों के लोगों ने आंदोलन में लिया भाग

सिवनी जिले में निवासरत अनुसूचित जाति की 13 जातियों के संयुक्त रूप से इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। जिसमें जिला कलेक्टर के माध्यम से अपनी मांगों का ज्ञापन प्रस्तुत किया। धरना प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा तथा अंबेडकर चौक में सांसद के पुतला दहन करने वालो से पुतला छुड़ाकर पानी की बौछार की गई।

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