Chhattisgarh

नया बस स्टैंड में चोर गिरोह सक्रिय, रात में खुले में सोने को मजबूर यात्री बन रहे शिकार

कोरबा।
कोरबा शहर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नया बस स्टैंड का प्रतीक्षालय भले ही भव्य और सुविधायुक्त नजर आता हो, लेकिन रात होते ही यात्रियों की सुरक्षा पूरी तरह भगवान भरोसे रह जाती है। न तो यहां कोई सुरक्षा गार्ड तैनात रहता है और न ही पुलिस की नियमित पेट्रोलिंग होती है। कड़ाके की ठंड के बावजूद नगर निगम द्वारा अब तक रैन बसेरा नहीं खोले जाने से मजबूरन यात्री खुले में फर्श पर सोने को विवश हैं, जिसका फायदा चोर गिरोह उठा रहा है।

देर रात बस या ट्रेन से पहुंचने वाले यात्री, जिनके पास आगे जाने का कोई साधन नहीं होता या जो होटल-लॉज का खर्च नहीं उठा सकते, वे बस स्टैंड के प्रतीक्षालय में ही रात गुजारते हैं। नींद में डूबे इन यात्रियों को नकाबपोश बदमाश निशाना बना रहे हैं। यात्रियों के बैग, सूटकेस के साथ-साथ जूते-चप्पल तक चोरी कर लिए जाते हैं। कई मामलों में जेब से मोबाइल और नकदी भी निकाल ली जाती है। विरोध करने पर यात्रियों को धमकाया जाता है, जिससे बाहरी क्षेत्रों से आए लोग भय के कारण शिकायत तक दर्ज नहीं करा पाते।

नया बस स्टैंड में सुरक्षा का दावा करते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन अधिकांश कैमरों का एंगल बाहर की ओर है। अंदर हॉल में सो रहे यात्रियों पर नजर रखने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। इसी का फायदा उठाकर चोर गिरोह रात के समय सक्रिय हो जाता है और वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाता है।

कोरबा जिला औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण प्रदेश के अन्य जिलों के अलावा यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा से बड़ी संख्या में मजदूर काम की तलाश में यहां पहुंचते हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण ये लोग होटल या लॉज में ठहरने के बजाय बस स्टैंड के प्रतीक्षालय में ही रात बिताते हैं। इसके अलावा देर रात शहर पहुंचने वाले वे यात्री, जिन्हें दूसरे क्षेत्रों में जाना होता है, वे भी यहीं आश्रय लेते हैं, लेकिन सुरक्षा के अभाव में वे लगातार चोरी और लूट का शिकार हो रहे हैं।

नया बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग 150 बसों की आवाजाही होती है, जो प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ दूसरे राज्यों को भी जोड़ती हैं। इसके बावजूद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर न तो प्रशासन, न पुलिस और न ही बस ऑपरेटरों की ओर से कोई ठोस व्यवस्था की गई है। ठंड के मौसम में हर साल रैन बसेरा खुलने से वहां चौकीदार की तैनाती रहती थी, जिससे यात्रियों को सुरक्षा मिलती थी, लेकिन इस वर्ष अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। इससे यात्रियों में नाराजगी और भय का माहौल बना हुआ है।

यात्री रामेश्वर प्रसाद (बिहार) ने बताया कि देर रात कोरबा पहुंचने पर आगे जाने का साधन नहीं मिला, इसलिए बस स्टैंड में ही सोना पड़ा। सुबह उठने पर उनका बैग और चप्पल गायब थे, डर के कारण वे शिकायत भी नहीं कर सके।

झारखंड से आए यात्री संतोष कुमार ने कहा कि रात में शोर होने पर नींद खुली तो कुछ लोग भागते नजर आए, बाद में पता चला कि जेब से मोबाइल गायब हो चुका था। यहां सुरक्षा नाम की कोई व्यवस्था नहीं है।

बस स्टैंड के पास दुकान लगाने वाले मनमोहन का कहना है कि यदि बस ऑपरेटर आपस में सहयोग कर रैन बसेरा का संचालन करें और चौकीदार रखें तो यात्रियों को राहत मिल सकती है। साथ ही प्रशासन और नगर निगम को भी इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

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