धार के ग्रामीण क्षेत्रों में हुई गोवर्धन पूजा: मन्नत धारियों के ऊपर से निकली गाय, लंपी वायरस के जल्द समाप्त होने की कामना

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धार32 मिनट पहले
दीपावली पर्व के दूसरे दिन होने वाली गोवर्धन पूजा इस साल ग्रहण के चलते बुधवार को परंपरागत तरीके से धार शहर में मनाई गई, हालांकि लंपी वायरस के प्रभाव के चलते ग्रामीण क्षेञों में पूजा-अर्चना जरुर की गई।
किंतु इसके बाद होने वाले गोहरी पर्व सांकेतिक रूप से ही मनाया गया। सुबह के समय गांव के लोग अपने मंदिरों पर एकत्रित हुए, जहां पर सिर्फ परंपरा का निर्वहन ही किया गया। गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व गवली समाज में होता हैं।
इस दिन समाज के लोग अपने गोवंश को अच्छे तरीके से सजाते है। जिसके बाद पाडों की लडाई का आयोजन भी होता हैं, जो इस मर्तबा धार में नहीं हो रहा है। धोक पड़वा पर्व के चलते युवाओं ने घर के बडे बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर सुबह से ही आतिशबाजी शुरु कर दी है।
लंपी वायरस हो समाप्त
धार के सरदारपुर, सुल्तानपुर सहित ग्रामीण क्षेञों में परंपरा का निर्वाह करते हुए मन्नत धारियों के लिए एक से दो गाय की व्यवस्था की गई, गांव की सड़कों पर मन्नत धारी जमीन पर लेट गए व औपचारिकता पूरी करते हुए इन मन्नत धारियों के ऊपर से गायों को निकाला गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग परिवार में किसी को गंभीर बीमारी सहित बच्चें नहीं होने पर पड़वा के पर्व पर विशेष रुप से मन्नत लेते हैं, जिसके बाद तय समय में मन्नत पूरी होने पर मन्नत धारी को गोवंश के नीचे लेटना होता हैं, इससे ही मन्नत पूरी होती है।
गोहरी पर्व के दौरान गाय ज़रुर मन्नत धारियों के ऊपर से निकली, किंतु किसी भी व्यक्ति को कोई खरोच नहीं आई। दसई निवासी नारायण ने बताया कि पूजन के दौरान लंपी वायरस के समाप्त होने की कामना की गई तथा सांकेतिक रुप से पर्व मनाया गया है।
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