धर्मांतरित जनजातीय समाज को नहीं मिले आरक्षण: धर्मांतरण पर बोले VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सरकार योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए पुल काम करेगा विहिप

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झाबुआकुछ ही क्षण पहले
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार 3 दिनों के झाबुआ प्रवास पर हैं और लगातार झाबुआ भ्रमण कर रहे हैं। मीडिया से मुखातिब होते हुए आलोक कुमार ने कहा कि “देश में 15 प्रतिशत के करीब जनजातीय समाज धर्मातरित हो चुका है। जो चर्च और संस्थाएं कानून के खिलाफ जाकर काम कर रहे हैं, सरकार को उन पर कार्रवाई करना चाहिए। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद नवंबर माह में हित चिंतक अभियान चला रहा है। जिसके तहत डेढ़ लाख गांव में 1 करोड़ लोगों से संपर्क किया जाएगा।
आलोक कुमार ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद सरकार और समाज के बीच पुल का काम करेगा क्योंकि झाबुआ जैसे आदिवासी बाहुल्य जिलों और देश के बाकी पिछड़े जिलों में धर्मांतरण करने वाली ताकतें अशिक्षा गरीबी और स्वास्थ सुविधाओं की कमी को आधार बनाकर भोले लोगों का फायदा उठाती है और धर्मांतरण करती है। जब से सवाल पूछा गया कि क्या सरकारी योजनाएं सरकार मंशा के मुताबिक धरातल नही पुहंच पा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकारें काम कर रही है लेकिन उसकी गति बढ़ाने की जरूरत है । मंशा ठीक हैं लेकिन प्रक्रिया में कई बार लोग उलझ जाते हैं।
झाबुआ में बढ़ रहे धर्मांतरण को लेकर आलोक कुमार ने कहा कि आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई जानकारी में सामने आया है कि जिले में एक भी चर्च वैध नहीं और ना ही किसी ने कानूनन धर्म परिवर्तन किया है।
उन्होंने मांग की सरकार ऐसी सोसायटियों की जांच करें जिनके नाम पर चर्च चल रहे हैं, आलोक कुमार ने आरोप लगाया कि जिले में काम कर रही सोसायटियों के उद्द्देश्यों में स्वास्थय,शिक्षा पर काम करना बताया जाता है, सरकार को जांच करना चाहिए कि इनके उद्देश्यों में चर्च निर्माण है या नहीं है, ऐसे में नियम विरूद्ध बन रहे चर्चों पर कार्रवाई हो। आलोक कुमार ने यहां कहां कि देश का कानून इतना ताकतवर होना चाहिए कि अवैध चर्चों और अवैध धर्मातरण पर कार्रवाई हो सके।
आलोक कुमार ने कहा कि बिना कानूनी कार्रवाई के जो भी धर्मातंरण करवा रहे हों, कोई भी विदेशी ताकतें उसके पीछे हों, वो कितनी भी ताकतवर हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। धर्मांतरित लोगों की घर वापसी को लेकर विहिप अभियान तेज करेगा। झाबुआ जिले समाज में जो पिछड़ापन हैं, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, रोजगार के क्षेत्र में उसको दूर करने के लिए विहिप सरकार के साथ मिलकर काम करेगा । ताकि धर्मातरण को ऐसे क्षेत्रों में कम किया जा सके।
डिलिस्टिंग को लेकर भी कहा कि अनुसूचित जनजाति के वर्ग के जो लोग धर्म परिवर्तन कर चुके हैं, उनको आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए संवैधानिक आदेश में संसोधन होना चाहिए। वे भारत सरकार से इसके लिए मांग कर चुके हैं।
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