धर्मांतरण करने से लेकर बिशप बनने की कहानी: जबलपुर में महंगी घड़ियों, बेशकीमती कपड़े और लग्जरी कारों का शौकीन, EOW के छापे में खुली पोल

[ad_1]
जबलपुर4 मिनट पहले
जबलपुर के बिशप पीसी सिंह… EOW ने गुरुवार को इनके घर छापा मारा, तो बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ। बच्चों की स्कूल की फीस धार्मिक संस्थाओं पर खर्च कर दी। खुद बिशप भी लग्जरी लाइफ जीने के शौकीन हैं। छापे में 9 लग्जरी गाड़ियां, 32 महंगी घड़ियां, बेशकीमती कपड़े, 18 हजार डॉलर और सोने के जेवरात समेत कैश व अन्य सामान मिला है। हम आपको बता रहे हैं कि पीसी सिंह के धर्मांतरण करने से लेकर बिशप बनने की कहानी…। कैसे एक साधारण व्यक्ति… अरबपति बन गया।
‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया’ के बिशप पीसी सिंह मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। 12वीं के बाद हायर एजुकेशन की पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान खुद का धर्मांतरण कर ईसाई बन गए। ईसाई धर्म अपनाने के बाद पास्टर की शिक्षा के लिए दिल्ली भेजा गया। जहां उन्होंने पढ़ाई पूरी की। यहां से जबलपुर आ गए। बताया जाता है कि जबलपुर के एक चर्च में पांच साल तक फादर रहे। अचानक किस्मत ने पलटी खाई। फादर से बिशप बनने के बीच पीसी सिंह ने अरबों रुपए कमा लिए।
अचानक पहुंची टीम, तो सकपका गए परिवार वाले
बिशप के घर गुरुवार सुबह सुबह 8 बजे जब टीम ने छापा मारा, तब पीसी सिंह तो नहीं मिले, वे इन दिनों जर्मनी में हैं। लेकिन घर पर पत्नी, बेटा-बेटी, नौकर और दो गार्ड मौजूद थे। टीम अचानक पहुंची, तो परिवार वाले समझ नहीं पाए। बाद में असलियत जानकर सकपका गए।
दो स्कूल, तीन मकान होने का भी पता चला
विजयनगर-सालीवाड़ा में दो स्कूल पीसी सिंह के नाम पर हैं। कटंगा, विजयनगर और नेपियर टाउन में बिशप के तीन मकान भी हैं। इनकी जानकारी जुटाई जा रही है। बिशप की सबसे महंगी कार लैंड रोवर है। बेटा पीयूष पॉल भी क्राइस्ट चर्च बॉय स्कूल का प्रिंसिपल है।

EOW के छापे के दौरान बिशप पीसी सिंह घर पर नहीं मिले, वे फिलहाल जर्मनी में हैं।
स्कूल खोलने जमीन ली, तान दी आलीशान बिल्डिंग
बताया जाता है कि बिशप ने सरकार से स्कूल खोलने के नाम पर जमीन ली, लेकिन उस जगह आलीशान बिल्डिंग बनाकर किराए पर दे दिया। इससे लाखों रुपए किराया भी आ रहा है। इसके अलावा, नेपियर टाउन में शासकीय जमीन को लीज पर लिया। यहां इंडियन ओवरसीज बैंक, भारतीय खाद्य निगम और बारात घर को किराए पर दे रखा था।
स्कूल विकास के नाम पर टीचर से लेता 5 हजार रुपए
पता चला है कि बिशप हर टीचर से हर महीने 5 हजार रुपए स्कूल डेवलपमेंट के नाम पर लेता था। इसकी रसीद भी उन्हें दी जाती है।

गुरुवार को कार्रवाई के दौरान बिशप का बेटा पीयूष पॉल (लाल घेरे में)
2.7 करोड़ के फीस घोटाले से बना अरबों का मालिक
EOW एसपी देवेंद्र सिंह ने बताया कि ‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस’ के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह और तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार बीएस सोलंकी के खिलाफ शिकायत मिली थी। इन दोनों पर 2.7 करोड़ रुपए के फीस घोटाले का आरोप है। दरअसल, संस्था को अलग-अलग शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की फीस से करीब 2.7 करोड़ रुपए मिले थे। चेयरमैन बिशप पीसी सिंह ने इन पैसों को धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर और खुद के निजी कामों में खर्च करके पद का दुरुपयोग किया। दोनों ने यह गड़बड़ी वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2011-12 के बीच की।

खोज रहे गबन के दस्तावेज
EOW अफसरों ने बताया कि दबिश के दौरान संस्था के चेयरमैन के गबन के दस्तावेज, टीम खोज रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने संस्था का मूल नाम भी बिना अधिकृत स्वीकृति के खुद ही बदल दिया। साथ ही, वह अपनी मर्जी से संस्था के चेयरमैन बन गए।

Source link