धनतेरस पर चमका बाजार: ऑटोमोबाइल, ज्वेलरी, गारमेंट के साथ अन्य सामानों को हुई खरीदी, शाम तक रही खरीददारों की भीड़

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बालाघाट30 मिनट पहले
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दीपोत्सव के पहले दिन शनिवार को धनतेरस के मौके पर बालाघाट जिले में करीब 5 करोड़ से ज्यादा का बाजार होने की संभावना है। अलग-अलग सेक्टरों से जुड़े कारोबारियों के अनुसार सबसे ज्यादा बाजार ऑटोमोबाइल, टू-व्हीलर वाहनों के साथ ही रेडीमेट गारमेंट में देखने को मिला है। धनतेरस पर बाजार में चारोंओर रौनक नजर आई। दुकानों और बाजारों में काफी चहल-पहल देखी गई। लोग परिवार के साथ खरीदारी करने बाजार पहुंचे। मोटरसाइकिल, ज्वेलरी, रेडीमेट गारमेंट, बर्तन सहित हर किस्मी प्रतिष्ठानों में खरीदारों की भारी भीड़ देखने को मिली।
शुभ मुहूर्त पर हुई जमकर खरीदी
जिले के तहसील क्षेत्र वारासिवनी, कटंगी, खैरलांजी, किरनापुर, लांजी, बैहर, मलाजखण्ड, परसवाड़ा, लालबर्रा में भी धनतेरस पर बाजारों मे रौनक रही। उल्लेखनीय है कि दीपावली पंच महोत्सव के पहले दिन शनिवार को धनतेरस में पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप हर वर्ग ने अपनी सामथ्र्य के मुताबिक खरीदी की है।

इधर, बर्तन बाजार में आया उछाल
इधर, बर्तन बाजार में खासा उछाल देखने को मिला। बर्तन कारोबारियों का कहना रहा कि धनतेरस ही एक ऐसा पर्व है, जब हर वर्ग कुछ ना कुछ बर्तन की खरीदी करता है। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप धनतेरस पर बर्तन की खरीदी करना शुभ माना जाता है हालाकि इस बार बर्तन कारोबार में उछाल है।
मौसम की वजह से बाजार में नही आया उछाल
मौसम की वजह से इस बार धनतेरस पर ज्यादा उछाल नही आने की बात कारोबारी कर रहे है। उनका कहना रहा कि बे-मौसम बारिश की वजह से नई फसल की आवक स्थानीय मंडी में नही हो पाई है। समय पर फसल की कटाई एवं गहाई नही होने के कारण किसानों के हाथों नगद राशि नहीं आई। लिहाज किसानों द्वारा उतनी खरदारी नही की जा सकी है जितनी की हर साल किसान धनतेरस दिवाली पर करते आ रहे थे, इससे अर्थव्यवस्था पर जरूर प्रतिकूल असर पडऩे की संभावनाओं से प्रथम दृष्टया इंकार नही किया जा सकता है।ॉ
वाहन पार्किंग की दिक्कत
त्योहारी खरीदी को लेकर सड़क पर उमड़ी भीड़ के चलते दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चालकों को वाहन पार्किंग के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। गुजरी बाजार क्षेत्र में वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं होने के कारण प्रतिष्ठान के सामने ही दो पहिया वाहन पार्क करने वाहन चालकों को मजबूर होना पड़ा।
आंकड़े कारोबारी सेक्टर के आधार पर
- जिले में करीब 200 टू-व्हीलर वाहन की बिक्री, एक करोड़ 50 लाख
- ज्वेलर्स, सोने-चांदी के सिक्के करीब एक करोड़ का करोबार
- 10 ट्रैक्टर यानी 80 लाख से ज्यादा
- रेडीमेड गारमेंट, साडिय़ां, शूट्स, बच्चों के कपड़े लगभग 1 करोड़
- ऑटोमोबाइल सेक्टर करीब डेढ़ करोड़
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