बिजली के लिए किसान परेशान: सैकड़ों ट्रांसफार्मर खराब, बोवनी पिछड़ी; कंपनी की लापरवाही, बकाया बिल व आइल चोरी बड़ी वजह

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सागर33 मिनट पहलेलेखक: प्रवीण पांडे

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जिले में सैकड़ों ट्रांसफार्मर खराब हैं। - Dainik Bhaskar

जिले में सैकड़ों ट्रांसफार्मर खराब हैं।

खाद की किल्लत के बाद किसानों की चिंता बिजली है। जिले में सैकड़ों ट्रांसफार्मर खराब हैं। ये ट्रांसफार्मर समय रहते नहीं बदले जा सके हैं। इस साल पानी भरपूर होने के बाद सिंचाई कैसे हो पाएगी, इसको लेकर किसान चिंतित हैं। दरअसल, पानी है तो बिजली नहीं है। कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो पूरे जिले में सैकड़ों ट्रांसफार्मर खराब होने से किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मिल पाना मुश्किल है।

ट्रांसफार्मर खराब होने की तीन बड़ी वजह सामने आई हैं। पहली बिजली कंपनी की लापरवाही, दूसरी पुराना बकाया न चुकाना और तीसरी ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी हो जाना। अभी बोवनी चल रही है यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो एक बार फिर अन्नदाता बिजली को लेकर सड़कों पर दिखाई देगा।

बिजली कंपनी सागर से जबलपुर समय पर नहीं भेजी गई जानकारी : जानकारी के अनुसार जिले में रबी सीजन के लिए बिजली व्यवस्था को लेकर विद्युत वितरण कंपनी के सीई और एसई आॅफिस सागर से कंपनी के जबलपुर मुख्यालय के लिए समय पर डिमांड नहीं भेजी गई। इस डिमांड में नए ट्रांसफार्मरों की जरूरत, सुधार के लिए उपकरणों की जरूरत आदि की जानकारी भेजी जाती है। कंपनी के जबलपुर मुख्यालय से उसी के आधार पर ट्रांसफार्मर आदि उपलब्ध कराए जाते हैं। इसमें सागर पीछे रहा लिहाजा यहां जबलपुर से ट्रांसफार्मर और उपकरण पर्याप्त नहीं आ सके हैं।

कहीं बोवनी रुकी तो कहीं फसल सूखने लगी
समय पर ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने के कारण ज्यादातर जगह किसान बोवनी नहीं कर पा रहे हैं। जहां लंबे समय से ट्रांसफार्मर खराब हैं, वहां बोवनी से पहले पलेवा ही नहीं हो पा रहा है। अब बिजली मिलने के बाद किसान पहले सिंचाई करके पलेवा करेगा फिर एक सप्ताह बाद खेत तैयार होने पर बोवनी की जाएगी, जिसमें 20-25 दिन तक का समय लग जाएगा। तब तक बोवनी लेट हो जाएगी। जहां बोवनी हो गई वहां फसल सूखने लगी है। कई जगह किसानों ने आलू की फसल लगा दी है, जो बिजली के अभाव में कारण सूख गई है। डोमा गांव में ही करीब 20 एकड़ में आलू की फसल बर्बाद हो गई है।

बिजली कंपनी के दावे के विपरीत हर क्षेत्र में बंद पड़े हैं ट्रांसफार्मर
सागर के आसपास के गांवों में ही हालात खराब हैं। बरोदा सागर गांव के उपसरपंच राहुल कुमार ने बताया कि यहां के ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं। गांव के निवासी गोविंद कुर्मी, जसवंत, रामबाबू आदि ने बताया कि पलेवा नहीं कर पा रहे हैं। बंडा-शाहगढ़ इलाके में 3370 ट्रांसफॉर्मर हैं जिनमें से 295 ट्रांसफार्मर या तो खराब हो गए या फिर फेल हो गए, जिनको बदलकर दूसरे लगाए जा रहे हैं। लाल सिंह गुगरा ने बताया कि हमारे गांव में 100 केवी का ट्रांसफार्मर जला हुआ है।

कृष्णा लोधी गनियारी ने बताया कि ट्रांसफार्मर बंद है। रहली तहसील में कुल 967 टांसफार्मर में 40 ट्रांसफार्मर आॅयल चोरी होने के कारण बंद हैं। जबकि 5 ट्रांसफार्मर अन्य कारणों से बंद हैं। किसान रूपसिंह ठाकुर ने बताया कि बिल जमा है लेकिन ट्रांसफार्मर से आॅयल चोरी होने के कारण बिजली नहीं मिल रही है। खुरई में 3066 ट्रांसफार्मर में से 286 ट्रांसफार्मर जल गए थे। बिजली कंपनी का दावा है ये सभी बदले या सुधारे जा चुके हैं। 45 ट्रांसफार्मर का आइल चोरी हो गया था।

इनमें से 33 सुधर गए हैं। 27 कंपनी के पास स्टॉक में हैं। बीना में ग्रामीण इलाकाें में 2,067 ट्रांसफार्मर हैं। बिजली कंपनी का दावा है कि अभी तक 124 ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं। 10 में सुधार की जरूरत है। 4 पूरी तरह खराब हैं। केसली में आइल चाेरी के कारण हटाए गए 25 ट्रांसफार्मर अभी तक नहीं लगाए गए हैं। जहां सिंचाई मुश्किल है। जैतपुर और डोमा गांव में ही किसान ट्रांसफार्मर न बदले जाने से परेशान हैं। किसान शशिकांत चौबे ने बताया कि दो सर्किट में से यदि एक सर्किट का कुछ किसानों का बकाया है तो भी बिजली कंपनी ट्रांसफार्मर नहीं बदल रही है। देवरी में भी यही हाल हैं। दूरदराज के कई ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं।

कंपनी का दावा- सिर्फ 57 ट्रांसफार्मर ही बदले जाने हैं
इस संबंध में बिजली कंपनी के सीई केएल वर्मा से बात करने की लगातार कोशिश की गई लेकिन वे बचते रहे। उन्होंने फोन पर अपने ईई अमर श्रीवास्तव से बात कर लेने को कहा। श्रीवास्तव ने बताया कि 207 ट्रांसफार्मर खराब हैं, इनमें से बकाया जमा हो जाने पर 150 बदले जा चुके हैं। बाकी बकाया जमा होने पर बदल दिए जाएंगे। बिजली कंपनी के पास स्टॉक में पर्याप्त ट्रांफार्मर हैं।

4 दिन में ट्रांसफार्मर नहीं बदले तो कार्रवाई
ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने की शिकायतें किसान लगातार कर रहे हैं। बिजली कंपनी के अधिकारियों को आज ही निर्देश दिए हैं कि सभी खराब ट्रांसफार्मर 4 दिन के अंदर बदलें। चार दिन के बाद एक भी शिकायत आई तो बिजली कंपनी के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। – गोविंद सिंह राजपूत, राजस्व मंत्री

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