राजभवन में राष्ट्रपति ने किया दो प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल भूमिपूजन: द्रौपदी मुर्मु बोलीं- स्वागत से अविभूत हूं, देश की विकास यात्रा में मप्र का अहम रोल

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भोपाल8 घंटे पहले
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पहली बार भोपाल पहुंची। शहडोल के लालपुर में जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद भोपाल पहुंची। स्टेट हैंगर पर राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान भी राजभवन पहुंचे। यहां से दो प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल शिलान्यास किया। भोपाल से नागपुर मार्ग पर रातापानी अभयारण्य में फोरलेन सड़क 18 महीने में बनकर पूरी हो जाएगी। रातापानी अभयारण्य से गुजरने वाले एनएच-69 में ओबेदुल्लागंज से बुदनी के बीच केंद्र सरकार से फारेस्ट का क्लीयरेंस न मिलने से 12 किमी मार्ग का काम अटका हुआ था, जिसे केंद्र की मंजूरी मिल गई है, इन परियोजनाओं का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वर्चुअल शिलान्यास किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कार्यक्रम में कहा
राष्ट्रपति बनने के बाद मेरी मप्र की यह पहली यात्रा है। स्वागत से मैं अविभूत हूं। समृद्धि की कामना करती हूं। आज के आयोजन के लिए राज्यपाल और सीएम को धन्यवाद दिया। देश की विकास यात्रा में मप्र के लोगों ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। मप्र की इस धरती ने अनेक महान विभूतियों को जन्म दिया। पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, संविधान निर्माता भीमराव अम्बेडकर, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई इसी मप्र की धरती पर जन्मे। आधुनिक भारत की नींव रखने में अटल जी के प्रति सभी देश वासी सदैव आभारी रहेंगे। भारतीय साहित्य के महाकवि कालिदास, तानसेन से लेकर लता मंगेशकर ने यहां की धरती पर जन्म लिया। ग्वालियर का तानसेन संगीत समारोह, उज्जैन का कालिदास समारोह, खजुराहो का नृत्य समारोह कला कैलेंडर में दर्ज हैं। भेड़ाघाट में नर्मदा महोत्सव, शिवपुरी और बेतवा उत्सव मनाया जा रहा है। मप्र में महाकालेश्वर, ओमकारेश्वर के ज्योर्तिंलिंग के साथ प्रभु राम की वनवास स्थली चित्रकूट मप्र के अध्यात्मिक महत्व को रेखांकित करते हैं। मप्र में देश विदेश से अनेक पर्यटक आते हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से मप्र में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। टाइगर रिजर्व हैं अभी कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से चीते आने पर दुनियां भर के लोग उत्साहित थे। पिछले महीने केन्द्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में छठीं बार सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को पुरुस्कृत करने का अवसर मुझे मिला। सबसे साफ शहरों में से एक तिहाई शहर मप्र में हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में मप्र के प्रयास देश भर के लिए अनुकरणीय हैं। रानी दुर्गावती और झलकारी बाई ने महिलाओं के त्याग और समर्पण की कहानियां लिखी। इंदौर की अहिल्या बाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ का जीर्णोद्धार कर देश में अपनी छाप छोड़ी। भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम जनजातीय वर्ग की रानी कमलापति के नाम पर किया गया है। डीआरडीई की लैब से वायरस और बीमारियों पर शोध करने में मदद मिलेगी। मप्र के डोमेस्टिक प्रोडक्ट में साढे़ तीन गुना वृद्धि हुई है। कृषि विकास दर में पिछले चार सालों में औसतन 20 फीसदी बढ़ी है। मुझे विश्वास है मप्र की विकास यात्रा और तेजी से आगे बढ़ेगी।आशा करती हूं कि मप्र देश में एक उज्जवल राज्य के रूप में उभर कर आएगा।
कार्यक्रम में ये मौजूद
राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मप्र सरकार के मंत्री तुलसी सिलावट, डॉ.प्रभुराम चौधरी, नरोत्तम मिश्रा, विजय शाह, ओमप्रकाश सकलेचा, यशोधरा राजे सिंधिया, मेयर मालती राय, विधायक कृष्णा गौर राजभवन में मौजूद हैं। इनके अलावा मप्र के विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी गण मौजूद रहे।

सीएम ने राज्यपाल को बिरसा मुंडा की प्रतिमा भेंट की।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा– आज मप्र की धरती पर राष्ट्रपति का आगमन हुआ है। शहडोल में लाखों लोगों ने उनका अभिनंदन किया। जब हम सोचते हैं तो उनका जीवन हमें प्रेरणा से भर देता है। सामान्य परिवार में जन्मी लेकिन लगता है ईश्वर ने कठिन परीक्षा ली उनकी। अपने स्वजनों से बिछुडते कभी विचलित नहीं हुई। उनके जीवन का सफर पर अटल जी की पंक्तियां याद आतीं हैं ”हार नहीं मानूंगी, रार नहीं ठानूंगी”। पहले लिपिक फिर पार्षद, फिर विधायक और मंत्री बनीं। राज्यपाल बनीं और जब उनका टर्म पूरा हो गया तो चुपचाप अपने गांव में निष्काम कर्मयोगी की तरह रत हो गईं। देश के जनमानस में उन्होंने अद्वितीय स्थान उन्होंने बनाया है। मप्र की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से उनका अभिनंदन करता हूं। औबेदुल्लागंज से इटारसी तक रोड का भूमिपूजन करेंगी। डीआरडीई की लैब की आधारशिला रखेंगी। कल विदाई के पहले महिला सशक्तिकरण के लिए महिला स्व सहायता समूहों से संवाद करेंगी। मैं अपना सौभाग्य मानता हूं कि शब्दों से भी उनका स्वागत करने का मौका मिला।
इन प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल शिलान्यास किया
417 करोड की लागत से बनने वाली रातापानी औबेदुल्लागंज इटारसी सड़क का वर्चुअल शिलान्यास किया। 417.51 करोड की लागत से एनएच 40 पर फोर लेन बनने से भोपाल नागपुर की कनेक्टिविटी आसान होगी। 300 करोड की पहली डीआरडीई की बीएसएल-4 लैब ग्वालियर में बनेगी। इस लैब में कोरोना जैसे वायरस पर रिसर्च हो सकेगी। रसायन जैव रक्षा के क्षेत्र में बड़ी प्रयोगशाला होगी। इसमें खतरनाक जीवाणु, विषाणु पर रिसर्च होगा।
राज्यपाल मंगू भाई पटेल बोले- पहली बार मप्र आगमन पर स्वागत करते हुए कहा- आपके आने से हर मप्र वासी गौरव का अनुभव कर रहा है। रातापानी अभयारण्य की सड़क और डीआरडीई की लैब का भूमिपूजन करने के लिए धन्यवाद दिया। साधारण परिवार में संघर्षमय जीवन व्यतीत कर देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान होकर जनजातीय वर्ग का गौरव बढ़ाया है। शिक्षा के क्षेत्र में आपके द्वारा किए गए कार्य से जनजातीय वर्ग को नई दिशा मिली है। राष्ट्रपति के रूप में अपने बीच पाकर न केवल जनजातीय समाज बल्कि पूरे प्रदेश गौरव का अनुभव कर रहा है।

स्टेट हैंगर पर राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
16 नवंबर को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में SHGs का सम्मेलन
- बुधवार दोपहर 11.30 से दोपहर 12.30 बजे तक भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी।
- दोपहर 12.45 बजे स्टेट हैंगर भोपाल से दिल्ली प्रस्थान करेंगी।
शहडोल से लागू हुआ पेसा एक्ट
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस समारोह के मंच से नियमावली का विमोचन कर पेसा एक्ट लागू किया। पेसा एक्ट लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का 7वां राज्य बन गया है। इससे पहले 6 राज्य हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र ने पेसा कानून बनाए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- आज मैं सभी देशवासियों को बधाई देती हूं। राष्ट्रपति के रूप में ये मेरी मध्यप्रदेश की पहली यात्रा है। इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित भाई-बहनों के बीच आकर बहुत खुश हूं। हमारे देश में जनजातीय आबादी की संख्या दस करोड़ है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा आबादी मध्यप्रदेश में है। जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया गया है, उन्हें देखकर उम्मीद करती हूं कि आने वाला समय और अधिक उज्ज्वल होगा। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा- पेसा एक्ट लागू हो जाने से ग्राम सभा अब बहुत अधिक शक्तिशाली हो गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- पेसा एक्ट किसी के खिलाफ नहीं है। सामाजिक समरसता के साथ ये कानून हम लागू कर रहे हैं। कई लोग लालच में छल-कपट से आदिवासी बिटिया से शादी कर लेते हैं, उसके नाम से जमीन खरीद लेते हैं, लेकिन अब ये नहीं होगा। मध्यप्रदेश की धरती पर धर्मांतरण का कुचक्र नहीं होने देंगे। छल-कपट कर बेटी से शादी कर जमीन हड़पने का काम मध्यप्रदेश की धरती पर हम नहीं होंगे देंगे। यदि यह पता चलता है कि किसी ने छल से जमीन नाम करवा ली है, तो ग्रामसभा उस जमीन को वापस करवाएगी।
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