दो टूक: प्रदेश की औद्योगिक क्लस्टर नीति में बदलाव की तैयारी, वास्तविक निवेशकों को ही मिलेगी जमीन- पी. नरहरि

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इंदौर14 मिनट पहले
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क्लस्टर में जमीन अलॉट होने के बाद उद्योग शुरू करने की समय सीमा तय कर उसका सख्ती के साथ पालन भी किया जाएगा
- उद्योग लगाने के नाम पर जमीन लेकर वर्षों तक निर्माण नहीं करने वालों को प्राथमिक सूची से बाहर किया जाएगा
- एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा- उद्योगों के नाम पर सिर्फ जमीन लेने वाले होंगे प्राथमिकता से बाहर
प्रदेश की औद्योगिक क्लस्टर विकास नीति में संशोधन किया जाएगा। प्रदेश में बनने वाले 40 से अधिक क्लस्टर में वास्तविक निवेशकों को ही जमीन दी जाएगी। उद्योग लगाने के नाम पर जमीन लेकर वर्षों तक निर्माण नहीं करने वालों को प्राथमिक सूची से बाहर किया जाएगा। क्लस्टर में जमीन अलॉट होने के बाद उद्योग शुरू करने की समय सीमा तय कर उसका सख्ती के साथ पालन भी किया जाएगा।
कुछ औद्योगिक क्लस्टर्स के लिए प्रस्तावित जमीनों को लेकर पेंच आ रहे हैं, उनसे जुड़े मामलों का जनवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले निराकरण कर लिया जाएगा। उद्योगों के आर्थिक मामलों का निराकरण करने वाले फेसिलिटेशन काउंसिल की सुनवाई भोपाल के अलावा इंदौर में भी करने पर विचार किया जा रहा है। इंदौर आए एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव पी. नरहरि उद्योगपतियों को इसका आश्वासन दिया है। क्लस्टर में जमीन आवंटन के लिए बनाई गई एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) के गठन और अधिकारों को पारदर्शी बनाने को लेकर भी सरकार योजना बना रही है।
सब्सिडी प्रकरणों का निराकरण भी जल्द हो
एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मप्र के अध्यक्ष योगेश मेहता और सचिव तरुण व्यास ने बताया पहले से संचालित औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर आयुक्त ने विस्तृत प्रेजेंटेशन देने को कहा है। चार साल से प्रदेश में उद्योगों को सब्सिडी से जुड़े प्रकरणों का निराकरण नहीं हो सकता है, टाइम लाइन में निराकरण करने की मांग भी प्रमुख सचिव से की गई है।
प्रदेश में 2 साल में शुरू होना हैं 42 क्लस्टर
- 22 जिलों में सरकार अगले 2 साल में 42 औद्योगिक क्लस्टर लॉन्च करने की तैयारी में है। यह क्लस्टर अलग-अलग इंडस्ट्री सेक्टर के होंगे।
- 10283.35 करोड़ रुपए की पूंजी का निवेश होगा इन क्लस्टर में।
- 19 क्लस्टर और निजी औद्योगिक क्षेत्रों का लोकार्पण, भूमिपूजन पिछले माह हुआ है।
- 3 हजार उद्योग स्थापित होंगे इन 42 क्लस्टर में। इससे लगभग 2.50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
- 6 क्लस्टर इंदौर रीजन में स्थापित करने की योजना है। इंदौर के पास उज्जैन में इंजीनियरिंग और प्लास्टिक क्लस्टर की योजना है, जहां पर 10 उद्योग स्थापित होंगे।
- 2 टेक्सटाइल क्लस्टर में 355 उद्योग लगेंगे बुरहानपुर में। यहां 900 करोड़ का निवेश और 11 हजार 600 को रोजगार मिलेगा।
- 1 ग्रीन क्लस्टर बनेगा खंडवा में। 35 करोड़ निवेश होंगे।
- 8 जिलों में फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर बनेंगे, जिसमें 205.20 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है।
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