देवरी गौशाला के बाहर तड़प रही गाय: कर्मचारियों ने अन्दर लेने से किया इंकार, जिले में तीन हजार गायें लंपी का शिकार

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मुरैनाएक घंटा पहले
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गौशाला के बाहर लंपी वायरस से ग्रसित गाय
मुरैना की देवरी गौशाला के बाहर लंपी वायरस से ग्रसित गाय तड़प रही है लेकिन गौशाला के कर्मचारियों ने उसे गौशाला के अन्दर लेने से साफ इंकार कर दिया। जब गौसेवकों ने कहा कि इसका इलाज ही कर दो, तो वे बोले कि हमें इससे कोई मतलब नहीं है, हम इलाज क्यों करें। बता दें, कि मुरैना में लंपी वायरस से ग्रसित गायों की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है। अकेले मुरैना शहर में ही 400 गायें लंपी से ग्रसित घूम रही हैं। पूरे जिले का आंकड़ा तीन हजार के लगभग है। कई गायें व सांड़ मार चुके हैं, बावजूद जिला व निगम प्रशासन इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। हद तो तब हो गई जब नगर निगम की देवरी स्थित गौशाला के बाहर लंपी वायरस से ग्रसित एक गाय पड़ी कराह रही है, गौसेवक वहां पहुंचे और उन्होंने गौशाला के सुरक्षा गार्ड से कहा कि इसे अन्दर कर लो तथा इसका इलाज करवा दो, तो उसने अन्दर करने से साफ इंकार कर दिया। जब उन्होंने कहा कि उसे कुछ भूसा ही खाने को दे दो जिससे यह जिंदा बनी रहे लेकिन उन्होंने भूसा देने से भी इंकार कर दिया। बता दें, कि निगम की इस गौशाला का एक माह का खर्चा 25 लाख रुपए आता है।

गौशाला के बाहर लंपी से ग्रसित गाय
गौशाला में 9 कर्मचारी तैनात
नगर निगम की देवरी गौशाला में मौजूदा हालत में 9 कर्मचारी तैनात हैं। इन कर्मचारियों को हर माह 10-10 हजार रुपए वेतन दिया जाता है। इसके बावजूद यहां गायों की हालत बद से बदतर है। यहां मौजूद गायें भूसे के लिए तरस रही हैं।

नगर निगम की देवरी गौशाला
मानवता खत्म हो गई कर्मचारियों की
गाय देवरी गौशाला के गेट पर पड़ी मर रही है, लेकिन गौशाला के कर्मचारियों ने उसे अन्दर लेना तो दूर खाने के लिए भूसा तक नहीं दिया। हमने कहा कोई इलाज हो तो कर दो, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया।
रुद्र प्रताप सिंह, गौसेवक
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