Chhattisgarh

IPS Dipka के बच्चों ने सुलझाए अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड के प्रश्न

कोरबा, 07 सितम्बर । विद्यार्थी जीवन एक ऐसा समय है जो सदा ज्ञान का संचय करने के लिए प्रयास करता है । ज्ञान को पाने कि लिए हम अपने पाठ्यक्रम के साथ-साथ अन्य अनेक विधाओं एवं माध्यमों का भी सहारा लेते हैं। विद्यालयीन स्तर पर अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। जिससे विद्यार्थियों को ना केवल अपने ज्ञान को प्रस्तुत करने के लिए अवसर मिलता है बल्कि उन माध्यमों से उन्हें ऐसी भी जानकारी मिलती है जो किताबी ज्ञान से परे होती है। कुछ ऐसी परीक्षाएँ भी होती हैं जो विद्यार्थियों को कक्षा स्तर पर अर्जित किए ज्ञान को बाहरी उपयोग हेतु ध्यान केंद्रित करना सिखाती है।शिक्षा विभाग के साथ-साथ अनेक ऐसी संस्थाएँ हैं जो समय-समय पर ऐसी परीक्षाओं का आयोजन करती है एवं छात्रों के बौद्धिक विकास को बल प्रदान करती है।


दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विगत वर्ष 2021- 22 में आयोजित ओलंपियाड कंपटीशन में विद्यार्थियों द्वारा गणित ओलेपियाड एवं जी.के. ओलंपियाड भाग लिया। इस प्रतियोगिता में कक्षा 4 थी की छा़त्रा सायसा सारा नरवाल एवं दिव्यांश चंद्रा ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए इंटरनेशनल जीके ओलंपियाड एवं मैथ्स ओलंपियाड के इस कड़े मुकाबले में अपनी बौध्दिक क्षमता का परिचय दिया । सारा नरवाल ने इंटरनेशनल जीके ओलंपियाड में इंटरनेशनल रैंक 44 एवं जोनल रैंक 21 के साथ ही स्कूल रैंक 1 हासिल किया वहीं दिव्यांश चंद्रा ने इंटरनेशनल मैथ्स ओलंपियाड में इंटरनेशनल रैंक 1698,जोनल रैंक 56 तथा स्कूल रैंक 1 प्राप्त किया।इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने इंटरनेशल गोल्ड मैडल के साथ ही आउटस्टैडिंग परफॉर्मेंस से विद्यालय का नाम रोशन किया । इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा से विद्यालय का नाम रोशन किया।
इन विद्यार्थियों की सफलता एक उपलब्धि पर विद्यालय में हर्ष व्याप्त है।इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्राचार्य को महोदय ने बढ़ाई दी।


आलंपियाड के प्रश्नों को हल करने का अनुभव बताते हुए दिव्यांश चंद्रा ने कहा कि गणित ओलंपियाड की परीक्षा देकर उनका गणित के प्रति आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है तथा कक्षा के एक निश्चित पाठ्यक्रम में बनाए प्रश्नों के आधार पर अन्य प्रश्न जो पाठ्यक्रम में नहीं है उन्हें हल करने से यह आभास हुआ कि पाठ्यक्रूम को उन्होंने कितना समझा। कक्षा 4 थी की छात्रा सायशा सारा नरवाल ने बताया कि इस परीक्षा को देकर हमने यह जाना कि हमने किताब में जो पढ़ा उसे व्यवहार में कैसे लाएँ। साथ ही हमें राष्ट्रीय स्तर पर अन्य बच्चों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला।
विद्यालय में गणित आलंपियाड की परीक्षा की प्रभारी शिक्षिका श्रीमती अंकिता रजक ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर सभी बच्चे एक पाठ्यक्रम का अध्ययन करते हैं। इस स्तर की परीक्षाओं से बच्चों के द्वारा अर्जित ज्ञान का आंकलन राष्ट्रीय स्तर पर होता है तथा बच्चे को अन्य बच्चों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है।
विद्यालय प्राचार्य श्री संजय गुप्ता ने कहा कि हर छात्र में प्रतिभाओं का भंडार होता है। शिक्षक उन प्रतिभाओं को उभारता है। प्रतियोगिताएँ प्रतिभाओं में श्रेष्ठता स्थापित करती हैं। ओलंपियाड एक ऐसा मंच है जो राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों को अपनी पहचान देता है। इससे बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही हम दुनिया में हो रही हर खबर एवं हलचल से वाकिफ होते हैं।

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