बंदी बोले- अपराध के पीछे नशा प्रमुख कारण: जिला जेल के कैदियों को आनंद विभाग ने अल्पविराम करा सुनी मन की बात

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छतरपुर37 मिनट पहले

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राज्य आनंद संस्थान द्वारा बुधवार की सुबह जिला जेल में अल्पविराम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसे आनंदम सहयोगी और योगाचार्य रामकृपाल यादव, आनंदक मोहम्मद आबिद और आनंद ग्राम सहयोगी राजकुमार पटेल ने संपन्न कराया। इस दौरान आनंद विभाग की टीम द्वारा अपने निजी अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्हें किसी नशे की आदत कैसी लगी और उन्होंने अपने नशे की लत को कैसे छोड़ना है।

इससे उनके जीवन में क्या बदलाव आया, अपराध के पीछे नशा प्रमुख कारण होने और नशा मुक्ति को लेकर खुद से शुरुआत की बात की गई। जिला संपर्क व्यक्ति लखनलाल असाटी ने बताया कि शांत समय लेने के बाद कैदियों ने स्वीकार किया कि उन्हें नशे की लत है और वह उससे परेशान भी है। जिसे वह त्यागने के लिए प्रयास करेंगे। कैदियों को कुछ सरल उदाहरण के माध्यम से अनुभव कराया गया कि जिस तरह एक किसान अनाज के साथ उग आई खरपतवार की निदाई कर हटाता है। उसी तरह खुद के अंदर आई अनावश्यक बुराइयों को हमें लगातार हटाते रहना है।

बड़े हुए नाखून देखते ही हम उन्हें काट देते हैं, उसी तरह अंदर बढ़ रही बुराइयों को भी हमें देखते रहना है और उन्हें दूर करना है। कुछ कैदियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब वह अत्यधिक नशे में थे, तब उनके अपराध हुआ। अब उन्होंने नशा छोड़ दिया है और वह योग के माध्यम से खुद को व्यवस्थित कर रहे हैं। उन्हें बताया गया कि कपालभाति योग से नशा मुक्ति में सहयोग मिलेगा, अजवाइन का पानी भी नशे की लत को दूर करता है। इस दौरान यह बात भी सामने आई कि नशे के गुलाम बनने की जगह मां-बाप, बीवी और बच्चों के गुलाम बने होते तो आज यह नौबत नहीं आती। इस दौरान जेल अधीक्षक कृष्ण कुमार कुलश्रेष्ठ, उप अधीक्षक राम शिरोमणि पांडे और जेल शिक्षक उवेश ठाकुर मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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