दिव्यांग तैराक सतेंद्र का नया रिकॉर्ड: 14 घंटे 39 मिनट में 12 डिग्री टेम्प्रेचर पर 36 किमी लंबे नार्थ चैनल को तैरकर किया पार

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ग्वालियर5 घंटे पहले

नार्थ चैनल पार करते हुए सतेन्द्र लोहिया

ग्वालियर के एक बेटे ने अपनी कमजोरी (दिव्यांगता) को ताकत बनाकर इतिहास रच दिया। पैरालिंपिक और वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैम्पियनशिप में कई मेडल हासिल कर चुके अन्तर्राष्ट्रीय पैरा स्विमर सतेंद्र सिंह लोहिया ने एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है। सतेन्द्र ने इस बार आयरलैंड में 36 किलोमीटर लंबे नार्थ चैनल सागर को सिर्फ 14 घंटे 39 मिनट में पार कर नया रिकॉर्ड बनाया है, वो भी 10 से 12 डिग्री टैम्परेचर पर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के इस बेटे की इस बड़ी सफलता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें बधाई दी है। इसके अलावा कई सारी उपलब्धियां ग्वालियर के इस बेटे के नाम पर हैं।

सतेन्द्र सिंह लोहिया आयरलैंड में नार्थ चैनल को पार कर रिकॉर्ड बनाया है।

सतेन्द्र सिंह लोहिया आयरलैंड में नार्थ चैनल को पार कर रिकॉर्ड बनाया है।

देश के ह्रदय प्रदेश (मध्य प्रदेश) के ग्वालियर शहर में रहने वाले सतेन्द्र सिंह लोहिया आयरलैंड में 36 किलोमीटर लंबे नार्थ चैनल को 14 घंटे 39 मिनट में पार कर रिकॉर्ड बनाया है। सतेन्द्र इससे पहले इंग्लिश चैनल, कैटलीना चैनल भी पार करके रिकॉर्ड बना चुके हैं। नार्थ चैनल को इतने कम समय में पार करने वाले सतेन्द्र एशिया के पहल दिव्यांग तैराक बन गए हैं जिसने यह करके दिखाया है। इतना ही नहीं है यह दिव्यांग तैराक सतेन्द्र लोहिया मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा खेल सम्मान विक्रम अवार्ड ले चुके हैं। सतेंद्र को 2019 में देश का सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी का खिताब भी मिल चुका है। पैरालिम्पिक और वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड सहित कई मेडल भी हासिल कर चुका हैं।

ऐसे होता चला गया कामयाब
सत्येंद्र ने इंग्लिश चैनल और कैटलीना चैनल पार कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और अब नार्थ चैनल भी पार कर दिखाया। ऐसे में अब इंग्लिश और कैटलीना चैनल पार करने के साथ नार्थ चैनल पार करने वाला सत्येंद्र पहला एशियाई दिव्यांग तैराक बन गया। बेहतरीन उपलब्धियों के चलते केंद्र सरकार ने सत्येंद्र को साल 2019 का सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी का सम्मान दिया।

इलाज कराने स्विमिंग पूल में कूदा तो बन गया इंटरनेशनल स्विमर
ग्वालियर का बेटा सत्येंद्र लोहिया बचपन से ही पोलियोग्रस्त था, जिस कारण वह चलने में असमर्थ था। पोलियो के चलते बचपन से पैर कमजोर थे। दूसरे बच्चों की तरह सत्येंद्र भी खेलना-दौड़ना चाहता था, लेकिन पैरों की लाचारी आड़े आ जाती थी। दिव्यांगता को दूर करने के लिए सत्येंद्र के परिजन उसे वॉटर थैरेपी के लिए LNIPE के स्विमिंग पूल लेकर आते थे। पैरों की दिव्यांगता दूर करने के लिए सत्येंद्र पानी में उतरा, लेकिन कुछ कर दिखाने का उसका जुनून था, कि वो बेहतरीन तैराक बन गया। कई नेशनल और इंटरनेशनल मेडल जीत लिए।

तैराकी की दुनिया में अपनी पहचान बनाई

  • सतेंद्र 6 नेशनल दिव्यांग स्विमिंग चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुके हैं और 6 सिल्वर एवं 7 ब्रॉन्ज जीत चुके हैं।
  • 2 इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर 2 सिल्वर व एक ब्रॉन्ज हासिल कर चुके हैं।
  • जुलाई 2016 में कनाडा में हुई कनाडा-अमेरिका पैरा स्विमिंग चैम्पियनशिप में सत्येंद्र ने फ्री-स्टाइल में सिल्वर सहित दो मेडल जीते हैं।
  • 15 से 17 जुलाई तक आयोजित प्रतियोगिता में अमेरिका, कनाड़ा, यूरोप सहित 50 देशों के तैराकों नें शिरकत की थी।
  • मार्च 2017 में सत्येंद्र ने ऑस्ट्रेलियन ओपन पेरा स्विमिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है।
  • दिव्यांग और सामान्य कैटेगरी की इस चैंपियनशिप में ग्वालियर के पैरा स्विमर सतेंद्र सिंह ने दमदार प्रदर्शन कर भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
  • 23 जून 2018 को सत्येंद्र ने इंग्लिश चैनल पार किय़ा।
  • अपने तीन साथियों के साथ रिले के तर्ज पर सत्येंद्र ने 49 किलोमीटर लंबे इंग्लिश चैनल को तैरकर पार किया, ऐसा करने वाला वो पहला एशियाई दिव्यांग तैराक बना।
  • 19 अगस्त 2019 को सत्येंद्र ने कैटलीन चैनल को पार किया। सत्येंद्र ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ रिले की तर्ज पर कैटलीना चैनल को पार किया। 42 किलोमीटर लंबे कैटलीना चैनल को पार करने वाला सत्येंद्र पहला एशियाई दिव्यांग तैराक बना।

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