कोर्ट परिसर में सुविधाघर तोड़ा: वकीलों ने विरोध किया, ADG ने कहा व्यवस्था सुधारने के लिए उठाया कदम

[ad_1]
खरगोन41 मिनट पहले
जिला मुख्यालय पर स्थित न्यायालय परिसर में शुक्रवार को सुविधाघर को तोड़ दिया गया और पार्किंग में लगे वाहनों की हवा निकाल दी। इसे लेकर अभिभाषकों ने विरोध जताया। अभिभाषकों ने काम से विरत होने की भी बात कही है। वहीं न्यायालय के एडीजे ने बताया कि न्यायालय परिसर की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए यह कदम उठाया गया है। 12 नवंबर को होने वाली लोक अदालत को लेकर पूर्व भी अभिभाषक संघ के पदाधिकारी को अवगत कराया गया है।
इस मामले को लेकर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष मुकेश पंड्या ने बताया कि न्यायालय परिसर के कलेक्ट्रेट गेट वाले हिस्से में पुरुषों के लिए बनाए गए सुविधाघर को अभिभाषक संघ से सामंजस्य बैठाए बगैर ही तोड़ दिया गया। जबकि संबंधित सुविधाघर को स्वच्छता अभियान के तहत बनाया गया था। तोड़े गए सुविधाघर का निर्माण न्यायालय के पूर्व सीजेएम द्वारा करवाया गया था। वहीं पार्किंग में खडे़ रहने वाले दो पहिया वाहनों की हवा निकाल दी गई। न्यायालय में शुक्रवार की कार्रवाई के बाद अभिभाषकों ने आज से आगामी तीन दिनों से कार्य से विरत रहने की चेतावनी भी दी है। इसके साथ ही उन्होंने जजों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें स्थानातरण की मांग की है। मांग पुरी नहीं होने पर आगामी समय में अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।

लोक अदालत को देखते हुए व्यव्स्था में किया परिवर्तन
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश् जीसी मिश्रा ने बताया कि 12 नवंबर को होने वाली लोक अदालत के लिए व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। क्योंकि संबंधित स्थान पर बैंक, बिजली कंपनी के स्टॉल लगाए जाना है। इस संबंध में अभिभाषक संघ के पदाधिकारी को सूचना दे दी गई थी। मिश्रा ने बताया कि जहां तक सुविधाघर को तोड़ने की बात है वह पुरी तरह जर्जर हो था। सुविधाघर की पर्याप्त सफाई नहीं होने पर उसके आसपास गंदगी फैल रही थी। इसलिए उसके हटाया गया है। अभिभाषकों द्वारा संबंधित मामले को लेकर किए जा रहे विरोध की अब तक कोई भी अधिकारिक सूचना नहीं मिली है। अब तक अधिवक्तागण के किसी भी प्रतिनिधि मंडल ने मामले को लेकर मुलाकात नहीं की है।यदि अधिवक्तागण का प्रतिनिधि मंडल आता है तो उनसे बैठकर चर्चा करेंगे।
न्यायाधीश मिश्रा ने बताया कि लोक अदालत को लेकर तैयारी पूर्ण हो चुकी है। लोक अदालत में प्रिलीटीगेशन से संबंधित 8 हजार 507 और लंबित 237 प्रकरणों को निराकरण के लिए रखा जाएगा।
Source link