‘त्रिनेत्र’ और तीन सींग वाले नंदी की समाधि: मंदिर परिसर में ही दफनाया, लगेगी भव्य प्रतिमा

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राजेश चौरसिया । छतरपुर3 घंटे पहले

वसुधैव कुटुम्बकम् सनातन धर्म का मूल संस्कार और विचार है। केवल इंसान ही नहीं इस धरा पर रहने वाले जीव मात्र से प्रेम की हमारी संस्कृति है। छतरपुर में इसी महान संस्कृति और प्रेम की झलक नजर आई।

छतरपुर में जटाशंकर धाम के प्रसिद्ध तीन आंखों और तीन सींगों वाले नंदी महाराज (बैल) को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गई। वैदिक रीति-रिवाज और मंत्रोचार के साथ उन्हें समाधि दी गई। उनके अंतिम दर्शन के लिए बुंदेलखंड, विंध्य, मालवा से लेकर उत्तर प्रदेश तक के भक्त पहुंचे।

नंदी महाराज की याद में बाजार भी बंद रहे। मंदिर परिसर में जहां उनका निवास था, उसी स्थान पर करीब 5 बाई 8 का 6 फीट गहरा गड्ढा खोदकर उन्हें दफनाया गया। मंदिर समिति अब यहां करीब 2 लाख रुपए से उनकी प्रतिमा स्थापित करवाएगी। यहां पर एक नंदी मंदिर भी बनवाया जाएगा। यह संभवत: प्रदेश और देश का पहला नंदी मंदिर होगा।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ अंतिम संस्कार
लोकन्यास धाम के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि श्री जटाशंकर धाम के प्रसिद्ध तीन नेत्र और तीन सींग वाले नंदी बाबा ने गुरुवार शाम देह त्यागी थी। शुक्रवार सुबह पंडित खिलानंद गौतम और प्रदीप शास्त्री की अगुवाई में पांच आचार्यों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ ही नंदी की समाधि देने की क्रिया करवाई गई। कर्मकांड करने वाले प्रदीप शास्त्री ने बताया कि आस्था के केंद्र रहे नंदी महाराज काे मंत्रोचार के साथ अंतिम विदाई दी गई।

नंदी को समाधि देने के लिए 6 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा गया। जिसकी चौड़ाई और लंबाई 5 बाई 8 फीट थी।

नंदी को समाधि देने के लिए 6 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा गया। जिसकी चौड़ाई और लंबाई 5 बाई 8 फीट थी।

बड़ी संख्या में अंतिम दर्शन को पहुंचे लोग
अद्भुत और त्रिनेत्रधारी नंदी महाराज के देह त्यागने की जानकारी मिलने के बाद उनके अंतिम दर्शन के लिए गुरुवार रात से ही लाेग पहुंचने लगे थे। शुक्रवार सुबह तक एक हजार से ज्यादा भक्त यहां पहुंचे और नंदी महाराज काे अंतिम विदाई दी। छतरपुर के अलावा मालवा-विंध्य, बुदेलखंड के साथ पड़ोसी राज्यों से भी भक्त अंतिम दर्शन को पहुंचे।

6 वर्ष की आयु में मंदिर आए थे नंदी
अग्रवाल ने बताया कि नंदी बाबा करीब 15 साल पहले 6 वर्ष की आयु में विचरण करते हुए संयोगवश श्री जटाशंकर धाम आ गए थे। तब से वे यहीं पर रह रहे थे। जो भी भक्त यहां आता था। वह नंदी महाराज के दर्शन जरूर किया करता था। उनके रहने की व्यवस्था मंदिर परिसर में ही थी। ललाट पर तीसरे नेत्र का निशान और तीन सींग होने से श्रद्धालुओं के बीच वे आकर्षण व आस्था का केंद्र रहे। यहां आने के करीब 21 साल बाद उन्होंने देह त्याग दी।

समाधि से पहले एक बछड़े को बुलाया गया। जिसने पहले गड्‌ढे की परिक्रमा की। फिर नंदी जी को समाधि दी गई।

समाधि से पहले एक बछड़े को बुलाया गया। जिसने पहले गड्‌ढे की परिक्रमा की। फिर नंदी जी को समाधि दी गई।

समाधि को बनाया जाएगा स्मृति स्थल
अरविंद अग्रवाल के मुताबिक नंदी बाबा जहां पर निवास करते थे, उसी स्थान पर उनकी समाधि क्रिया की गई है। इस स्थल को समाधि स्मृति स्थल के रूप में विकसित किए जाने की योजना है। यहां भव्य मंदिर का निर्माण कर नंदी बाबा की हूबहू मूर्ति भी लगाई जाएगी।

जटाशंकर धाम के प्रसिद्ध तीन नेत्र और तीन सींग वाले नंदी बाबा करीब 15 साल पहले जब श्री जटाशंकर धाम आए थे। तब उनकी उम्र करीब छह साल थी।

जटाशंकर धाम के प्रसिद्ध तीन नेत्र और तीन सींग वाले नंदी बाबा करीब 15 साल पहले जब श्री जटाशंकर धाम आए थे। तब उनकी उम्र करीब छह साल थी।

प्रतिमा का कार्य चालू, हाईटेक होगी प्रतिमा
न्यास अध्यक्ष का कहना है कि नंदी महाराज के देह त्यागने के तत्काल बाद कमेटी ने मंदिर परिसर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्हें अंतिम विदाई देने के बाद शुक्रवार से ही प्रतिमा बनाने का काम शुरू करवा दिया गया है। परिसर में उनकी हूबहू प्रतिमा लगाई जाएगी, जो कि तकरीबन 2 लाख रुपए में बनकर तैयार होगी। इस प्रतिमा को आकर्षक और हाईटेक रूप दिया जाएगा, ताकि लोग अपनी बात नंदी महाराज के कान में कहकर श्री जटाशंकर भगवान तक पहुंचा सकें।

उत्तर प्रदेश, मालवा, बुंदेलखंड सहित देश के कई हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने नंदी को अंतिम विदाई देने के लिए परिक्रमा की।

उत्तर प्रदेश, मालवा, बुंदेलखंड सहित देश के कई हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने नंदी को अंतिम विदाई देने के लिए परिक्रमा की।

चुपचाप उज्जैन कुंभ ले गए थे सेवादार
अग्रवाल ने बताया कि श्री जटाशंकर धाम के प्रसिद्ध तीन नेत्र और तीन सींग वाले नंदी बाबा करीब 15 साल पहले जब श्री जटाशंकर धाम आए थे, उस समय उन्हें किशोरी जी की बगिया में रखा गया था। उनकी सेवा में दो सेवादार तैनात किए गए थे। अप्रैल 2016 में उज्जैन कुंभ के दौरान यह सेवादार अवैध रूप से रातों-रात नंदी बाबा को एक पिकअप वाहन में उज्जैन ले गए थे। यहां पर कुछ लोगों ने सेवादारों को घेरकर नंदी बाबा की पहले 5 लाख रुपए तक कीमत लगाई और जब सेवादारों ने नंदी बाबा नहीं दिए तो उन लोगों ने जबरन नंदी बाबा को बांध लिया था। उन्होंने सेवादारों के साथ मारपीट भी की थी। तब लोक न्यास श्री जटाशंकर धाम द्वारा पुलिस और प्रशासन के सहयोग से एक सप्ताह बाद नंदी बाबा को वापस श्री जटाशंकर धाम लाया गया था।

पंडित प्रदीप शास्त्री जी ने मंत्रोच्चारण के साथ नंदी जी को अंतिम विदाई दी।

पंडित प्रदीप शास्त्री जी ने मंत्रोच्चारण के साथ नंदी जी को अंतिम विदाई दी।

नंदी बाबा की विदाई में बाजार बंद रहे
अग्रवाल की मानें तो कोविड काल के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि शुक्रवार को सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। उन्होंने नंदी के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए बाजार बंद रखा। अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों का कहना था कि वे भगवान शिव के वाहक थे। शिव के साथ ही नंदी महाराज से भी मन्नत मांगी जाती थी। कई लोगों की मन्नत पूरी भी हुई है। यहां जो भी नेता, मंत्री अधिकारी आते थे वे जरूर नंदी के दर्शन करते थे।

जिस जगह पर बैठकर नंदी जी ने अपना देह त्यागा वहीं उन्हें समाधि दी गई। इसके अलावा मंदिर समिति ने इसी जगह पर पहला नंदी मंदिर बनाने की घोषणा भी की है।

जिस जगह पर बैठकर नंदी जी ने अपना देह त्यागा वहीं उन्हें समाधि दी गई। इसके अलावा मंदिर समिति ने इसी जगह पर पहला नंदी मंदिर बनाने की घोषणा भी की है।

कुछ समय से बीमार थे नंदी महाराज
नंदी महाराज कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मंदिर समिति द्वारा उनका निरंतर इलाज करवाया जा रहा था। स्थानीय डॉक्टरों के साथ ही उप संचालक वेटनरी के नेतृत्व में 5 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने भी उनका इलाज किया। हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका।

पिछले कई दिनों से नंदी की तबीयत खराब थी। डॉक्टर्स इलाज भी कर रहे थे। लेकिन वे सही नहीं हो पा रहे थे। गुरुवार को उन्होंने देह त्याग दी।

पिछले कई दिनों से नंदी की तबीयत खराब थी। डॉक्टर्स इलाज भी कर रहे थे। लेकिन वे सही नहीं हो पा रहे थे। गुरुवार को उन्होंने देह त्याग दी।

संत, अधिकारी, नेता, सभी झुकाते थे शीश
श्री जटाशंकर धाम में आने वाला संत, नेता, अधिकारी…आम हो या खास सभी नंदी बाबा के सामने शीश झुकाकर नमन करते थे। हाल ही में संत देवकीनंदन जी महाराज, संत धीरेंद्र कृष्ण जी गर्ग बागेश्वर धाम, कलेक्टर रमेश भंडारी, एसपी विनीत खन्ना, जिला पंचायत सीईओ हर्ष दीक्षित, कलेक्टर मोहित बुंदस, कलेक्टर शीलेंद्र सिंह, तत्कालीन एसपी कुमार सौरव, पूर्व मंत्री ललिता यादव भी मंदिर पहुंचकर नंदी बाबा के दर्शन किए थे

संत देवकीनंदन जी महाराज ने हाल ही में मंदिर पहुंचकर नंदी बाबा के दर्शन किए थे।

संत देवकीनंदन जी महाराज ने हाल ही में मंदिर पहुंचकर नंदी बाबा के दर्शन किए थे।

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