तुगलकी तबादले: गजब… तबादले के आदेश 22 अक्टूबर को लेकिन रिलीव करेंगे 7 महीने बाद अप्रैल में

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भोपाल13 मिनट पहले

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एक हफ्ते में तीन विरोधाभासी आदेश : 5000 से ज्यादा शिक्षक परेशान, नियमानुसार 15 दिन में ज्वाइनिंग देना अनिवार्य होता है। - Dainik Bhaskar

एक हफ्ते में तीन विरोधाभासी आदेश : 5000 से ज्यादा शिक्षक परेशान, नियमानुसार 15 दिन में ज्वाइनिंग देना अनिवार्य होता है।

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों के तबादले लगातार गलत वजहों से सुर्खियों में हैं। अब एक और दिलचस्प मामला स्कूल शिक्षा विभाग का सामने आया है। पहले 21 अक्टूबर को आदेश निकाला गया- सीएम राइज स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं होंगे।

इसके बाद 22 अक्टूबर को ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिए गए। पांच हजार से ज्यादा शिक्षक इस परिधि में आ गए। अब जब ये शिक्षक ट्रांसफर ऑर्डर के अनुसार ज्वाइन करने के लिए तैयार हैं तो गुरुवार शाम 6 बजे नया आदेश जारी कर दिया गया कि जिनके ट्रांसफर हुए हैं उन्हें 7 महीने बाद यानी अप्रैल में रिलीव किया जाएगा।

तबादलों में इस तरह का आदेश पहली बार जारी हुआ है। दरअसल, प्रदेश में तबादलों की अंतिम तारीख 5 अक्टूबर थी। 22 अक्टूबर को ऑर्डर निकाले गए तो प्रक्रिया पर प्रश्न चिह्न लग गया। मामले ने तूल पकड़ा तो रिलीव न करने का आदेश जारी कर दिया गया।

ये हैं नियम…..

  • यदि किसी भी शासकीय सेवक का ट्रांसफर किया जाता है तो उसकी ज्वाइनिंग 15 दिन के भीतर करवाना विभाग का काम है।
  • इस दौरान कर्मचारी अगर ज्वाइन नहीं करता है तो विभाग उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। ऐसे में कर्मचारी को सस्पेंड भी किया जा सकता है।
  • ट्रांसफर नीति सरकार घोषित करती है, लेकिन ज्वाइनिंग के नियम तय हैं।
  • तबादले ऐसे समय किए जाएं जब शिक्षण सत्र न चल रहा हो और जिस कर्मचारी का ट्रांसफर हुआ है वह सुविधापूर्वक नई पदस्थापना वाली जगह ज्वाइन कर ले।

इन आदेशों पर भी विवाद

  • आठ महीने पहले अनुकंपा नियुक्ति के आदेश जारी हुए, नियुक्तियां भी हुई। लेकिन महीने भर बाद इस आदेश को निरस्त कर दिया गया।
  • अध्यापक संवर्ग का क्रमोन्नति आदेश जारी हुआ। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे जारी किया। इसे जनजातीय विभाग ने तो लागू कर दिया पर बाद में स्कूल शिक्षा विभाग ने ही निरस्त कर दिया।

सरकार की छवि बिगाड़ रहे अफसर

मध्यप्रदेश में अफसर सरकार की छवि बिगाड़ने के लिए जानबूझकर इस तरह के काम कर रहे हैं। मैं एक दो दिन में इस बारे में मुख्यमंत्री से मुलाकात करूंगा और उन्हें विस्तृत जानकारी दूंगा कि किस तरह से अफसर कर्मचारियों और शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं।
रमेशचंद्र शर्मा, अध्यक्ष कर्मचारी कल्याण समिति (राज्य मंत्री दर्जा)

मुझे अभी इस बारे में जानकारी नहीं है। जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकता हूं।
इंदर सिंह परमार, राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा

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