डॉ० पंडित पीके तिवारी वाचस्पति की मानद उपाधि (डॉक्टरेट अवार्ड) से अलंकृत

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
बालाघाट – इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान तथा वीर अकादमी बालाघाट के संयुक्त तत्वावधान में 23 वॉ राष्ट्रीय साहित्य एवं पुरातत्व का अनुष्ठान आयोजित हुआ। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ रायपुर से डॉ० पंडित पीके तिवारी को वाचस्पति की मानद उपाधि (डॉक्टरेट अवार्ड) से अलंकृत किया गया।
इस राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी में पंद्रह राज्यों से प्रतिष्ठित पुरातत्व विद् , इतिहास विद् , साहित्य विद् , समाज शास्त्री व अधिकारियों का आगमन भव्यता के साथ हुआ। कलेक्टर श्री मीना को बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय लक्ष्याधिपति वाचस्पति की मानद उपाधि (डॉक्टरेट अवार्ड) से अलंकृत किया गया।

अध्यक्षता डॉ. रामविजय शर्मा पुरातत्व विद् (बिहार) ने की जिन्हें राष्ट्रीय पुरातत्व शिरोमणी मानद उपाधि , विशिष्ट अतिथियों में डॉ.दिव्या राहूल देढिया मुंबई (महाराष्ट्र) को कच्छ कढ़ाई कला के क्षेत्र में वाचस्पति की मानद उपाधि , डॉ..चन्द्रिका भूपेन्द्र व्यास मुंबई (महाराष्ट्र) और डॉ. कीर्ति वल्लभ शक्टा चम्पावत (उत्तराखंड) को साहित्य के क्षेत्र में वाचस्पति की उपाधि , ऋषिकेश संजय वालझाडे अहिल्यानगर (महाराष्ट्र) को खेल के क्षेत्र में वाचस्पति की मानद उपाधि , समीर सिंह गहरवार को राष्ट्रीय पुरातत्व शिरोमणी की मानद उपाधि (डी.लिट् अवार्ड) , डॉ. संतोष कुमार सक्सेना को राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक विद्श्री से अलंकृत किया गया। डॉ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार संग्रहाध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट , डॉ.कविता गहरवार प्रधान सम्पादक गंगोत्री वार्षिक गद्य और पद्य राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका (गहरवार दम्पति) को प्रेस क्लब चांपा (छत्तीसगढ़) के अध्यक्ष डॉ.कुलवंत सिंह सलूजा की ओर से राष्ट्रीय स्वाभिमान रत्न विद्श्री , कलेक्टर मृणाल मीणा के हस्ते अलंकृत किया गया।
डॉ. सुभाषचंद्र गुप्ता और डॉ. कुलदीप बिल्थरे बालाघाट (मध्यप्रदेश) को राष्ट्रीय विशिष्ट पारस मणी विद्श्री से अलंकृत किया गया , जो मंचासिन भी थे। माँ सरस्वती का विधिवत पूजन , सरस्वती वंदना , स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया , तदोपरान्त गंगोत्री वार्षिक पत्रिका का विमोचन किया गया। जिसकी प्रधान सम्पादिका डॉ.कविता गहरवार रही। आचार्य डॉ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार “वीर” का व्यंग्य काव्य संग्रह दृष्टि महा दृष्टि तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं का भव्य विमोचन हुआ। पुरातत्व एवं साहित्य संगोष्ठी विषय में वर्तमान परिदृश्य में अपनी मातृभाषा एवं अन्य भाषाओं का योगदान ? विषय विशेषज्ञ में धीरज कुमार आकाशवाणी केंद्र आदि ने विस्तृत जानकारी दी। मंच संचालन डॉ. वीरेन्द्र सिंह गहरवार ने किया।