अनिश्चितकालीन धरना: पार्वती के बीचों-बीच बसे सुंडी के ग्रामीणों ने की सुरक्षित स्थान पर जमीन दिए जाने की मांग

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श्योपुर39 मिनट पहले
वर्षों पहले से बारिश के सीजन में हर साल बाढ़ के हालातों से जूझ रहे सुंडी गांव के ग्रामीणों ने शहर के पटेल चौक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। उनकी मांग है कि उन्हें जमीन के बदले दूसरे सुरक्षित स्थान पर जमीन दी जाए ताकि अब उन्हें बाढ़ जैसे हालातों का सामना नहीं करना पड़े।
सुंडी गांव पार्वती नदी के बीचो बीच एक ऊंचे टापू पर बसा हुआ है। ग्रामीणों के घर बार से लेकर उनकी जमीन अभी इसी जगह पर हैं। साल के 8 महीने तो इस गांव के ग्रामीण चैन से रहते हैं लेकिन, जैसे ही बारिश शुरू होती है वैसे ही नदी का जलस्तर बढ़ जाता है और ग्रामीण टापू पर चारों तरफ से घिर जाते हैं। नदी का जलस्तर ज्यादा बढ़ने पर पूरा सुंडी गांव जलमग्न हो जाता है। ग्रामीण गांव के सबसे ऊंचे स्थान पर बने मंदिर पर पहुंचकर शरण लेते हैं।
बाढ़ के हालातों में उनकी जान और माल को खतरा बना रहता है। बाढ़ के हालातों का सामना कर चुके ग्रामीणों की हिम्मत ने अब जवाब दे दिया है। अब उस गांव में रहने को तैयार नहीं है। इसे लेकर उन्होंने बुधवार की शाम से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। उनकी मांग की है कि, उन्हें जमीन के बदले चक बमुलिया गांव के पास की सरकारी जमीन को दिया जाए। इसी मांग को लेकर व धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीण रामहेत सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि, उन्हें दूसरे सुरक्षित स्थान पर जमीन के बदले जमीन दी जाए, ताकि उन्हें जान माल का खतरा नहीं उठाना पडे़।
शहर के पटेल चौक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे सुंडी गांव के ग्रामीणों के समर्थन में ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों के अलावा गुर्जर समाज के नेता भी इस अनिश्चितकालीन धरने में शामिल हुए हैं। उन्होंने दिनभर ग्रामीणों के साथ धरना दिया और नारेबाजी भी की। ओबीसी महासभा के जिला अध्यक्ष विनोद मीणा और गुर्जर समाज की मांग है कि, सुंडी गांव के 400 लोगों की जिंदगी के लिए सरकार को सुरक्षित स्थान पर जमीन के बदले जमीन देनी चाहिए ताकि, ग्रामीणों को हर बार की तरह इस बार बाढ़ के हालातों का सामना नहीं करना पड़े।
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