जेल से बर्खास्त हुआ प्रहरी बन गया भिखारी: 4 साल की जेल मे नौकरी, भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई आवाज तो हो गया बर्खास्त

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जबलपुर34 मिनट पहले
कभी जेल विभाग मे नौकरी करने वाला प्रहारी राम शरण मिश्रा आज भिखारी की जिंदगी जी रहा हैं। विभाग मे चल रही भ्रष्टाचारी और अनियमितता के खिलाफ जब राम शरण ने आवाज उठाई तो उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा। जेल विभाग के अधिकारियों ने उसे बर्खास्त कर दिया। राम शरण मिश्रा के परिवार मे उनकी पत्नी हैं, बच्चे हैं पर न जाने उसे क्या सूझा कि परिवार छोड़कर भिखारी बन गए और आज नर्मदा किनारे भीख मांग रहें हैं।
जेल विभाग से बर्खास्त हुआ प्रहरी राम शरण मिश्रा मूलतः सिहोरा सगोड़ी गांव के रहने वाले हैं। 1993 मे उसकी जेल विभाग मे नौकरी लगी। मिश्रा की पहली पोस्टिंग मंडला हुई,उसके बाद वह जबलपुर और फिर दमोह मे पोस्टेड हुए। राम शरण मिश्रा का आरोप हैं कि जेल विभाग मे बहुत ही भ्रष्टाचार है जिसके खिलाफ जब मैंने आवाज उठाई तो उन पर पर ही जेल विभाग के बड़े अधिकारियों ने मिलकर बर्खास्त करवा दिया। नौकरी से बर्खास्त होने के बाद राम शरण मिश्रा ने न्यायालय की शरण ली जहां पर फैसला जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर छोड़ दिया गया। लिहाजा राम शरण मिश्रा को आखिरकार नौकरी नहीं मिली।
जेल विभाग से बर्खास्त हुए राम शरण मिश्रा का परिवार है उनकी पत्नी है, एक बेटा-बहू भी है, इस सब के बावजूद वह आज भीख मांग रहे हैं। राम शरण मिश्रा का कहना है कि वह नौकरी से बर्खास्त हो चुके हैं, अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं इसलिए नर्मदा तट के किनारे भीख मांग कर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं।
जेल विभाग मे 4 साल तक पदस्थ रहें राम शरण मिश्रा की नौकरी जाने के बाद उन्होंने जमा पूंजी से न्यायालय में जेल विभाग के खिलाफ याचिका भी दायर की, जहां उन्हें यह बोला गया कि इस मामले मे जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही निर्णय लेकर हल करें।
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