‘जू’ में एनिमल खुद देंगे अपना परिचय: केज के बाहर लगे QR कोड को स्कैन करते ही मिलेगी डिटेल, नहीं करना होगा गाइड

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ग्वालियर2 घंटे पहले

इस तरह क्यूआर कोड, लगाए गए हैं

यदि आप ग्वालियर के “जू’ (चिड़ियाघर) आ रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब आपको किस केज में कौनसा जानवर है और वह किस प्रजाति का है। साथ ही उसकी विशेषता क्या है यह सिर्फ एक QR कोड मोबाइल पर स्कैन करने से पता चल जाएगा। इससे चिड़ियाघर में घूमने आने वाले सैलानियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा या गाइड की जरुरत नहीं पड़ेगी। नगर निगम ने यह QR कोड लगाने की पहल एक एजेंसी के माध्यम से शुरू की है।

चिड़ियाघर के सभी जानवरों के केज पर बाहर यह QR लगाया गया है। अब घूमने आने वाले सैलानियों को आकर बस यह QR को अपने मोबाइल में स्कैन करना है। उसके बाद उनके मोबाइल पर उस एनिमल का पूरा परिचय होगा। बल्कि यह भी होगा कि उसे क्या खाना पसंद है। इससे सैलानी उसे वह खाना खिला सकेंगे।

इस तरह QR कोड में जानकारी मिलती है

इस तरह QR कोड में जानकारी मिलती है

मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल-अंचल के श्योपुर में बसे कूनो नेशनल पार्क में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाये गए 8 चीतों को छोड़ा था। इस सौगात के बाद ग्वालियर नगर निगम भी रोमांचित है। नगर निगम ने गांधी प्राणी उद्यान में एक नया प्रयोग कर वन्य जीवों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का नया तरीका लॉन्च किया है। लोग वन्य प्राणी खासकर बड़े वन्य प्राणी, शेर, टाइगर, लेपर्ड आदि को देखने के लिए चिड़िया घर पहुँच रहे हैं। लेपर्ड और चीता में बहुत ज्यादा समानताएं दिखने से लोग कंफ्यूज होकर लेपर्ड को ही चीता समझ रहे हैं। इसलिए चीता को प्रमोट करने और लेपर्ड से उसका कंफ्यूजन दूर करने के लिए गांधी प्राणी उद्यान ने सभी वन्य जीवों की पूरी जानकारी वाला QR कोड उनके केज, पिंजरे और बाड़े के बाहर बोर्ड लगाकर डिस्प्ले किये है।
QR कोड में क्या रहेगा खास
– जैसे ही कोई चिड़ियाघर में आकर किसी भी जानवर के केज के बाहर लगे QR कोड को स्कैन करेगा तो सबसे पहले उस एनिमल की फोटो फिर नाम, उसके बाद साइंटिफिक नेम, जानवर किस परिवार से संबंध रखता है। जैसे बिल्ली, बंदर आदि। इसके बाद उसके बाद उसकी विशेषता के साथ ही यह भी बताया जाएगा कि वह कितनी उम्र का है और कब से यहां है। उसको खाने में क्या पसंद है। इससे आम लोगों को वहां जानवरांे के बारे में जानने के लिए किसी की मदद की जरुरत नहीं होगी।
प्राइवेट कंपनी से करेगी डिटेल अपडेट
– नगर निगम ने QR कोड में डिटेल अपडेट व समय-समय पर जानवरों व पक्षियों की जानकारी अपडेट करने के लिए एक प्राइवेट कंपनी से बात की है। वही इसे अपडेट करेगी। इसमें कोई ज्यादा खर्च नहीं है।
नगर निगम के अफसरों का कहना
नगर निगम कमिश्नर किशोर कान्याल के अनुसार QR कोड में वन्य प्राणी का नाम, उसका ओरिजन, खाने की हैबिट्स, हाइट, वजन, नेचर आदि की जानकारी हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध कराई गई है। कोई भी पर्यटक बोर्ड पर लगे बार कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करेगा तो एक क्लिक में उसके पास संबंधित वन्य जीव की पूरी जानकारी आ जाएगी।

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