खराब सड़कें, लोग परेशान निगम-पीडब्ल्यूडी भी भिड़े: निगम कमिश्नर- कंपनियों ने सही रेस्टोरेशन नहीं किया, दोबारा करवा रहे हैं जवाब में पीडब्ल्यूडी-रेस्टोरेशन नहीं किया तो उन्हें ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं

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भोपालएक घंटा पहलेलेखक: विशाल त्रिपाठी

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भोपाल टॉकीज रोड - Dainik Bhaskar

भोपाल टॉकीज रोड

  • खराब सड़कें, लोग परेशान निगम-पीडब्ल्यूडी भी भिड़े

पानी और सीवेज की लाइन बिछाने के लिए नगर निगम के लिए काम करने वाली कंपनियों की लापरवाही से पीडब्ल्यूडी भी परेशान हो चुका है। लगातार हो रही शिकायतों के मद्देनजर पीडब्ल्यूडी ने राजधानी की 219 सड़कों का निरीक्षण करवाया। तीन महीने चले निरीक्षण में सामने आया कि 31 सड़कें बारिश के कारण आंशिक तौर पर खराब हुई हैं।

18 सड़कें ऐसी हैं, जिन्हें पानी की लाइन और सीवेज लाइन बिछाने के कारण नगर निगम ने खराब कर दिया है। खुद निगम कमिश्नर का कहना है कि जहां-जहां टाटा और अंकिता कंस्ट्रक्शन ने काम किया, वहां ठीक से रेस्टोरेशन नहीं किया है। इन्हीं कंपनियों से हम रेस्टोरेशन का काम भी दुरुस्त करवा रहे हैं। उनके ठीक से काम न करने के कारण ही दोनों कंपनियों को नोटिस देकर जुर्माना भी किया गया है।

592 करोड़ के काम किए, पर रेस्टोरेशन में खानापूर्ति

1. टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड
टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने पूरे शहर में करीब 80 किमी की पाइप लाइन बिछाई है। दो साल में पूरा होने वाला प्रोजेक्ट 5 साल में पूरा हुआ। इसके लिए नगर निगम ने कंपनी को करीब 150 करोड़ रुपए का पेमेंट किया।

2. अंकिता कंस्ट्रक्शन
इसने भोपाल में करीब 390 किमी में सीवेज लाइन बिछाने का काम लिया है। इसके लिए भोपाल नगर निगम ने कंपनी से 442 करोड़ का करार किया है। काम 2020 में पूरा होना था, अब 30 सितंबर की एक्सटेंडेड डेडलाइन है।

पीडब्ल्यूडी का पत्र- अब हम खुद करेंगे, अपनी सड़कों का रेस्टोरेशन

पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने पीएस नगरीय प्रशासन एवं आवास पर्यावरण विभाग और भोपाल नगर निगम कमिश्नर को एक अर्धशासकीय पत्र (डीओ लेटर) लिखा है। इसमें लिखा है- रेस्टोरेशन पर पहले भी कई बार विमर्श हो चुका है। फिर भी कोई निदान नहीं हुआ।

इसलिए पीडब्ल्यूडी भविष्य में होने वाली सभी नई खुदाई के कामों के लिए तय इस्टीमेट के अनुसार पूरी राशि जमा कराने के बाद ही अनुमति दी जाएगी। ताकि खुदाई के बाद रेस्टोरेशन का काम खुद पीडब्ल्यूडी ही करवाए। ये कार्यवाही केवल राजधानी परिक्षेत्र में आने वाले खुदाई कार्य के लिए लागू होगी। ​​​​​​​​​​​​​​

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