खाद की डिमांड बढ़ी: कमी के चलते 10- 10 घंटे लाइन में खड़े रहने को मजबूर किसान, फिर भी नहीं मिल रहा

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मंदसौर26 मिनट पहले
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इन दिनाें खाद की किल्लत बढ़ने लगी है। यूरिया की अधिक खपत के चलते कालातीत व बिना खाताधारक किसानों की परेशानी बढ़ गई है। उनको राहत देने के लिए प्रशासन ने 9 नकद उर्वरक विक्रय केंद्र बनाए। बावजूद दिक्कत आ रही है। हालात यह हैं कि विक्रय केंद्रों पर बढ़ी डिमांड के चलते किसानों को 10-10 घंटे लाइन में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ रहा है। फिर भी उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल रहा है। प्रशासन का दावा है कि मंगलवार को नीमच व आगामी दिनों में गरोठ- रतलाम से मिलने वाली रैक के बाद समस्या खत्म हो जाएगी।
मंदसौर- नीमच जिले में 2 लाख 19 हजार किसानों में से 35 फीसदी किसान कालातीत श्रेणी में हैं। इसके अलावा अन्य बिना खाताधारक किसानों के लिए प्रशासन ने पूर्व में 4 और बाद में 5 कुल 9 नकद उर्वरक विक्रय केंद्र बढ़ाए। पूर्व के िनर्देशों पर इन केंद्रों पर रकबे के आधार पर प्रति बीघा यूरिया के बैग प्रदान किया जा रहा था। इस बीच किसानों ने बोवनी के दौरान अतिरिक्त एडवांस खाद भी खरीदा। इससे किल्लत बढ़ने लगी और खाद की कमी आ गई।
निरंतर उठाव के चलते सभी किसानों को समान खाद वितरण के लिए फिर से 2-2 बैग यूरिया देना शुरू कर दिया। इन दिनों रबी फसल की सिंचाई जारी है। इसके चलते यूरिया की डिमांड जोरों पर है। जिले के सभी नकद उर्वरक विक्रय केंद्रों पर सुबह 6 बजे से किसान खाद लेने पहुंच रहे हैं। पर्याप्त खाद के दावे के बीच शाम तक भी खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हैं।
सुबह 6 बजे से कतारों में लग रहे अन्नदाता
गरोठ के यूरिया वितरण केंद्र पर शाम 6 बजे करीब 300 से अधिक किसान प्रतीक्षा में थे। उनका कहना है कि सुबह से भूखे- प्यासे परेशान हो रहे हैं। एक दिन की मजदूरी 400 रुपए होती है लेकिन खाद के चक्कर में वह तो बर्बाद हो गई। अब थोड़ी देर बाद अधिकारी केंद्र को बंद कर चले जाएंगे, इसके बाद फिर अगले दिन लाइन मे खड़े रहना पड़ेगा। खाद समय पर नहीं डाला तो फसलों की बढ़वार और उत्पादन प्रभावित होगा।
इस बार 1700 मीट्रिक टन अधिक खपत
जानकारी के अनुसार पिछले साल नवंबर में 43 हजार 569 मीट्रिक टन खाद का विक्रय हुआ था। इस बार नवंबर में अब तक 1725 मीट्रिक टन अधिक यानी 45 हजार 294 मीट्रिक टन खपत हो चुकी है। माह में अभी 9 दिन बाकी हैं। ऐसे में इन दिनों लग रही लंबी कतारों से यूरिया खाद की अधिक खपत होने के आसार हैं। हालांकि अभी डिमांड पूरी नहीं होने से परेशान होना पड़ रहा।
जिले में उर्वरक की स्थिति पर एक नजर
उर्वरक नवंबर 2021 21 नवंबर 2022 तक स्टॉक
यूरिया 43569 49294 3468
डीएपी 16611 15567 2029
एमओपी 2017 1092 616
एनपीकेएस 14683 13556 2248
एसएसपी 47811 33889 8861
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